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स्वतंत्रता सेनानी भाई हिरदा राम की 137वीं जयंती पर आज मंडी जिला में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। 28 नवंबर, 1885 को पैदा हुए हिरदा राम ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।
प्रसिद्ध लेखिका केके नूतन, हिरदा राम के पौत्र शमशेर मिन्हास और शहर के अन्य प्रमुख लोगों ने यहां इंदिरा मार्केट में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
नूतन ने भाई हिरदा राम के जीवन और भारत की स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने भाई हिरदा राम को प्रताड़ित किया था और उन्हें स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
मिन्हास ने कहा, 'यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे एक पूर्वज ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। भाई हिरदा राम का जन्म मातृभूमि की सेवा के लिए हुआ था और उन्होंने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार रहने के लिए प्रोत्साहित करता रहेगा।