Himachal Pradesh,हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश Himachal Pradesh में कर्मचारियों और पेंशनरों का कल्याण और पारदर्शी शासन सुक्खू सरकार की पहचान बन गई है। वर्ष 2027 तक प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करने में यहां के कर्मचारी अहम भूमिका निभाएंगे। प्रदेश के विकास में कर्मचारियों के योगदान को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उनके कल्याण के लिए कई फैसले लिए हैं। हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के उप मुख्य सचेतक और शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया ने आज कांगड़ा के शाहपुर से मीडिया को जारी बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि दिवाली के अवसर पर सीएम सुक्खू की सरकार ने 28 अक्टूबर को सभी कर्मचारियों और पेंशनरों को अक्टूबर माह का बकाया वेतन और पेंशन का भुगतान कर दिया है।
इसके साथ ही सरकार ने 75 वर्ष या इससे अधिक आयु के पेंशनरों का पूरा बकाया एरियर देने का काम किया है। पेंशनरों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है और सरकार ने सभी विभागों को अपने सभी लंबित चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों का निपटान करने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों को 1 जनवरी 2023 से महंगाई भत्ते की 4 प्रतिशत किस्त देने की घोषणा की है, जिससे राज्य के 1.80 लाख कर्मचारियों और 1.70 लाख पेंशनरों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने सत्ता में आते ही पुरानी पेंशन योजना को लागू करके और उन्हें सामाजिक सुरक्षा देकर 1.36 लाख कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों और पेंशनरों के कल्याण को प्राथमिकता देने और उन्हें पर्याप्त सहायता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों और पेंशनरों की अन्य देनदारियों और जायज मांगों को भी समय के साथ पूरा करेगी।