भू-अधिग्रहण के मुआवजे से संबंधित मामलों को समय पर निपटाएं अधिकारी- सुक्खू
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शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संबंधित जिला प्रशासन के अधिकारियों को राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए भू-अधिग्रहण के मुआवजे से संबंधित मामलों का समय पर निपटारा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मुआवजा राशि प्रदान करने में अनावश्यक देरी से लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है, साथ ही उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने तथा निविदा प्रक्रिया की समय सीमा घटाने के भी निर्देश दिए ताकि परियोजना का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जा सके। यह बात उन्होंने बुधवार को शिमला में लोक निर्माण विभाग तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। सीएम सुक्खू ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन सड़कों का निर्माण भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए करें और सुरंगों तथा पुलों के निर्माण पर विशेष ध्यान केन्द्रित करें। उन्होंने सुचारू यातायात संचालन के लिए इन मार्गों में तंग गलियारों व मोड़ों में सुधार के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यात्रियों को विश्व स्तरीय सड़क ढांचा उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य कर रही है और इससे राज्य में आने वाले पर्यटकों को भी सुविधा प्राप्त होगी। बैठक में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण अजय गुप्ता, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित तथा मंडी, शिमला, पालमपुर और हमीरपुर के परियोजना निदेशक एवं संबंधित जिलों के उपायुक्त वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
सुक्खू ने कहा कि ऊना जिले में बिढ़ू से लठियाणी को जोड़ने के लिए गोबिंद सागर झील पर 900 करोड़ रुपए अनुमानित लागत से एक पुल का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए उन्होंने अधिकारियों को 25 फ रवरी तक डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही मुख्यमंत्री ने शिमला-मटौर, कीरतपुर-नेरचौक और मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्गों को फ ोरलेन मार्गों में स्तरोन्नत करने के कार्य को गति प्रदान करने के भी निर्देश दिए। सुक्खू ने कहा कि 4700 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से प्रदेश में शीघ्र ही 178 किलोमीटर लंबी फोरलेन परियोजनाओं का निर्माण किया जाएगा। नालागढ़ से स्वारघाट फोरलेन के विस्तारीकरण पर 600 करोड़ रुपए, कालाअम्ब-पावंटा साहिब-देहरादून फोरलेन के विस्तारीकरण पर 1200 करोड़ रुपए, राष्ट्रीय राजमार्ग-503 अम्ब से ऊना और पंजाब सीमा से नादौन तक राष्ट्रीय राजमार्ग-3 के फाेरलेन विस्तारीकरण पर 1500 करोड़ रुपए तथा ऊना बाईपास के निर्माण पर अनुमानित 500 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 750 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से जलोड़ी दर्रे पर एप्रोच रोड के साथ दो लेन की सुरंग, 700 करोड़ रुपए की लागत से सैंज-लुहरी-जलोड़ी-बंजार-औट सड़क, 100 करोड़ रुपए की लागत से नाहन-सराहन-कुमारहट्टी सड़क पर नाहन शहर के लिए दो लेन की सुरंग, 700 करोड़ रुपए के परिव्यय से नाहन से कुमारहट्टी खंड-एनएच-907, तक के दो लेन के सुधारीकरण तथा 300 करोड़ रुपए के परिव्यय से एनएच-154, पंजाब सीमा से बनीखेत-चंबा-भरमौर सड़क के स्तरोन्नयन कार्य स्वीकृत भी हो चुके हैं।