हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश में बारिश ने सामान्य जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. सड़कें तबाह हो चुकी हैं। कई घर और पुल पानी के तेज बहाव में बह गए हैं। जगह-जगह लैंडस्लाइड हो रही हैं। इस समय हिमाचल का मंजर बहुत परेशान करने वाला है। हिमाचल में ऐसी आसमानी बारिश हुई कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने मांग करनी पड़ी गई। इसी बीच अधिकारियों ने मंगलवार को राज्य में हुई तबाही का जायजा लेना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक बारिश से हिमाचल को करीब 1050 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इस आपदा में अब तक कुल 80 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 92 लोग बुरी तरह से घायल हुए हैं।
भूस्खलन और बाढ़ के कारण लगभग 1,300 सड़कें अवरुद्ध हो गईं जबकि 40 बड़े पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के अनुसार अकेले कुल्लू के सैंज क्षेत्र में लगभग 40 दुकानें और 30 मकान बह गए। राज्य आपात अभियान केंद्र के अनुसार पिछले तीन दिन से भारी बारिश के कारण शिमला-कालका और मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 1,299 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि हिमाचल रोडवेज परिवहन निगम (एचआरटीसी) के 1,284 मार्गों पर बस सेवाएं निलंबित हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 79 मकान पूरी तरह से जबकि 333 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कुल्लू और मनाली में 2,577 ट्रांसफार्मर बंद होने के कारण कई इलाकों में बिजली गुल है जबकि शिमला समेत कई इलाकों में जलापूर्ति भी बाधित है।