सीनियर की ओर से रैगिंग से मानसिक प्रताडि़त प्रशिक्षु छात्रा की नहीं हुई सुनवाई

मानसिक प्रताडि़त प्रशिक्षु छात्रा की नहीं हुई सुनवाई

Update: 2023-08-12 06:29 GMT

बिलासपुर: पिछले काफी समय से सीनियर द्वारा की जा रही रैगिंग से मानसिक प्रताडऩा का शिकार हुई जीएनएम फस्र्ट ईयर की प्रशिक्षु छात्रा ने स्टाफ के समक्ष मसला उठाया लेकिन उस ओर से उसकी एक भी नहीं सुनी गई। ऊपर से स्टाफ द्वारा उसके पापा के खिलाफ अपशब्द कहे जाने से आहत हुई लाडली बेटी यह सहन नहीं कर पाई और एंटीबायोटिक की 11 गोलियां एकसाथ निगल कर आत्महत्या जैसा कदम उठाने के लिए विवश हो गई। शायद प्रताडऩा की वजह से उसकी सहनशीलता का बांध टूट गया था। सौभाग्यवश जान बच गई और अभी क्षेत्रीय अस्पताल के मेडिकल वार्ड में उपचाराधीन है। शुक्रवार को प्रशिक्षु छात्रा ने रोते बिलखते हुए अपने दर्द को मीडिया के समक्ष रखा तो वहां पर मौजूद मरीजों व उनके तीमारदारों की आंखें भी भर आईं।

झंडूता से ताल्लुक रखने वाले विष्णु की भी उपचाराधीन अपनी लाडली बेटी की हालत देख आंखें भर आईं। प्रशिक्षु छात्रा के पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने तीन सीनियर प्रशिक्षुओं के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मसले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने एंटी रैगिंग कमेटी को जांच सौंपी है। जानकारी के अनुसार नर्सिंग इंस्टिट्यूट बिलासपुर में जीएनएम का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही शाहतलाई क्षेत्र की प्रशिक्षु गत गुरुवार शाम के समय अचानक ही तबीयत बिगड़ गई और उसे क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में उपचार के लिए पहुंचाया। पुलिस अधीक्षक डा. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन के अनुसार शिकायत मिलने पर एंटी रैगिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। वहीं, सीएमओ डा. प्रवीण चौधरी का कहना है कि मामला एंटी रैगिंग कमेटी को सौंपा है। जांच के तथ्यों पर कार्रवाई होगी। -एचडीएम

जब दी थी शिकायत तो एक्शन क्यों नहीं लिया

जब आठ अगस्त को परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को शिकायत दी थी तो परिजनों को एंटी रैगिंग कमेटी को मसला सौंपे जाने की बात कहकर कर्तव्य से इतिश्री की जाती रही। शायद यही वजह रही कि प्रशिक्षु छात्रा ने हर तरफ से सुनवाई न होने पर एंटीबायोटिक की ग्यारह गोलियां एकसाथ निगल कर इहलीला खत्म करने की कोशिश की। सौभाग्यवश उसकी जान बच गई लेकिन ठेस तो पहुंची।

नर्सिंग स्कूल बिलासपुर में यह पहला ही मामला

नर्सिंग इंस्टीटयूट बिलासपुर में रैगिंग का यह ऐसा पहला ही मामला है। इस मसले पर विष्णु स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली से खफा हैं। वह मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उधर, नर्सिंग स्कूल की प्रिंसिपल आशा शर्मा से बात की गई तो उनका कहना था कि यदि प्रशिक्षु छात्रा को कोई परेशानी थी तो उनसे बेझिझक कह सकती थी। उन्होंने बताया कि यह संस्थान काफी समय से चल रहा है और आज तक ऐसी घटना कभी भी पेश न आई है।

प्रशिक्षु छात्रा के आरोप निराधार एवं तथ्यों के परे हैं। फस्र्ट, सेकंड व थर्ड ईयर की सभी प्रशिक्षुओं के साथ मीटिंग की गई है और मामले की पड़ताल की गई। प्रताडऩा के बारे में तथ्य सामने नहीं आए हैं। फिर भी यदि प्रशिक्षु छात्रा को कोई शिकायत थी, तो उनसे (प्रिंसिपल) से कहती।

आशा शर्मा प्रिंसिपल नर्सिंग स्कूल बिलासपुर

सूचना मिलते ही तत्काल एसपी और सीएमओ से इस संदर्भ में बात की गई और इस मामले में जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। बेटियों पर अत्याचार कतई सहन नहीं किया जाएगा।

जेआर कटवाल विधायक विधानसभा क्षेत्र झंडूता

मामला बेहद गंभीर है, हल्के में नहीं लिया जा सकता

उधर, बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रवीण कुमार चौधरी ने बताया कि यह मामला बेहद चिंतानजक है। शिकायत मिलने के बाद एंटी रैगिंग कमेटी को मामला जांच के लिए सौंपा गया है। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद उसमें सामने आए तथ्यों के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।

नर्सिंग स्कूल में स्टाफ की कमी

नर्सिंग स्कूल में इस समय प्रिंसिपल के अलावा दो ट्यूटर ही कार्यरत हैं। स्टाफ की कमी से कई परेशानियां हैं। चार ट्यूटर के पद रिक्त हैं तो वहीं न तो वार्डन है और न ही सिक्योरिटी गार्ड। टीचर फैकल्टी न होने से सारा कार्यभार वर्तमान में कार्यरत स्टाफ पर है। प्रिंसिपल आशा शर्मा ने कहा कि स्टाफ की कमी के बावजूद वह दिन रात संस्थान के सफल संचालन के लिए कार्य कर रही हैं।

Tags:    

Similar News

-->