देश में जात-पात और छुआछूत का कोई स्थान नहीं होना चाहिए : जेपी नड्डा
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शिमला। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि जात-पात, छुआछूत का देश में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। हमें शिक्षा को ग्रहण कर समाज को वापस लौटाना है। इसी दृष्टि की सोच को लेकर हमें आगे बढ़ना है। वह रविवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में आयोजित हुए पूर्व विद्यार्थी वृहद समागम-2022 में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में रहते थे तो घर से पैसे आते ही सभी का उधार चुका देते थे। अगले एक महीने तक कुछ न कहने की बात होती थी, इसलिए जब भी कोई विश्वविद्यालय आता था तो यहां पर हम खुद खातिरदारी करते थे। मालरोड जाना हो तो खातिरदारी उनसे ही करवाने की साफ बात कह देते थे। जेपी नड्डा ने कहा कि विश्वविद्यालय के कई छात्र नेता चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे। भले ही सभी की विचारधारा अलग हो लेकिन विधानसभा में सभी पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि आनंद शर्मा भी आएं। मैंने खुद उनसे बात की थी लेकिन वह व्यस्त थे, इसलिए नहीं आ पाए। राकेश सिंघा व सुक्खू व मुकेश अग्निहोत्री को बुलाने के लिए भी कहा था।
ईमानदारी और मेहनत से हासिल कर सकते हैं कोई भी लक्ष्य
उन्होंने इस दौरान कहा कि ईमानदारी, मेहनत, सब्र और लड़ने की ताकत के दम पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। शिमला के लोगों को शिमला छोड़ना ही बहुत बड़ी बात होती है, हम यहां तो आराम से कह देते हैं कि शिमला में थोड़ी-सी गर्मी हुई तो पसीने आ गए, लेकिन जब बाहर जाकर कुछ करना हो उसके लिए गर्मी-सर्दी नहीं बल्कि सब कुछ सहन करना पड़ता है। आपको असली प्रमाणपत्र आप स्वयं दे सकते हैं। जिस दिन आपको लगेगा कि आप अंदर से सही हैं उस दिन आप सही रास्ते पर जा रहे हो। किसी दूसरे व्यक्ति को देख कर चलना और उससे सर्टीफिकेट लेना यह सही नहीं। उन्होंने इस दौरान विश्वविद्यालय के एलुमनी भवन के लिए 25 लाख की व्यवस्था करने की बात भी कही।
उस समय विश्वविद्यालय में होते थे सिर्फ ए व बी ब्लॉक
जेपी नड्डा ने विश्वविद्यालय में बिताए पलों को याद करते हुए कहा कि एक समय था जब विश्वविद्यालय में 11 विभाग थे। हम बड़े फक्र से कहते थे ए व बी ब्लॉक, उस समय विश्वविद्यालय में वही 2 ब्लॉक हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के इस मंच पर जिससे वह आज बोल रहे हैं, इस पर आने के लिए स्वयं को साबित करना पड़ता था। भले ही वह कला की फील्ड हो या फिर राजनीति की, सभी को अपने आपको साबित करना होता था। उसके बाद ही यह मंच मिलता था। आज विश्वविद्यालय में 40 विभाग हैं और यह 241 बीघा जमीन पर बना है। उस समय के शिक्षक ऊर्जा से भरे हुए थे, इसलिए अनुपम खेर जब तत्कालीन कुलपति के पास गए, उन्होंने उन्हें शिक्षक की तरह सलाह देते हुए कहा कि मैं तुम्हारा एडमिशन रद्द नहीं कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि रास्ता चाहते हो तो रास्ता देना भी सीखो। खुले मन और खुले दिमाग से जितना आगे चलोगे उतना लोग आपके साथ खुलकर चलेंगे।
विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने हर क्षेत्र में मनवाया लोहा
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्रों ने राजनीतिक, प्रशासनिक, न्यायिक व खेल हर तरह के क्षेत्र में देश भर में अपना लोहा मनवाया है। उन्होंने पूर्व में रहे कुलपतियों और अपने सहपाठियों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ही एक ऐसा विश्वविद्यालय है जहां राजनीतिक सहिष्णुता है। नड्डा ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के पास अपना हुनर है, उस हुनर के साथ आगे बढऩा है और उसे ईमानदारी से सबको उपयोग करके चलना है। हमें अपनी विरासत लेकर आगे बढ़ना है।