राजकीय कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने कम समय में पौधे विकसित करने के गुर सीखे
पौधे विकसित करने के गुर सीखे
शिमला: राजकीय कन्या महाविद्यालय में मंगलवार के दिन जेपी यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम से महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अनुरिता सक्सेना ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। जेपी विश्वविद्यालय से आये विशेषज्ञों ने आरकेएमवी की छात्राओं को आणविक व टिशू कल्चर तकनीक की महत्वता के बारे में बताया। कार्यक्रम में डॉ. हेमंत सूद ने टिशू कल्चर की तकनीक से कम समय और स्थान में अधिक पौधों को विकसित करने की जानकारी दी। उन्होंने कहा की लद्दाख में कुछ ऐसे पौधों को विकसित किया जा रहा है जिससे वह के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सके।
उसके बाद उन्होंने प्रयोगशाला में स्वयं छात्रों को इस तकनीक के माध्यम से पौधे टेस्ट ट्यूब में विकसित कर दिखाये। डॉ. जितेंद्र विशिष्ट ने छात्रों को डीएनए को अलग करने की विधि के बारे में जानकारी दी। तत्पश्चात उन्होंने जैल इलेक्ट्रोफोरेसिस की तकनीक से डीएनए को अलग करके दिखाया। इस दौरान आरकेएमवी की छात्रों को प्रयोगशाला में खुद भी इन तकनीकों को इस्तेमाल करने का मौका मिला। कार्यक्रम में आये सभी वैज्ञानिकों का स्वागत डॉ. कार्तिक चौहान ने किया। महविद्यालय की प्राचार्या अनुरिता सक्सेना ने ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सभी को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यशालाओं से छात्राओं में विज्ञानं के प्रति रूचि बढ़ती है और यह उनके जीवन के लिए भी बहुत लाभदायक है। विज्ञान ही विकास का दूसरा नाम है। इस कार्यक्रम के अंत में प्रो. भगवती चरण ने कार्यक्रम में आये सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।