Himachal Pradesh,हिमाचल प्रदेश: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर Education Minister Rohit Thakur ने मंगलवार को कहा कि 20 और 25 से कम विद्यार्थियों वाले हाई स्कूलों और सेकेंडरी स्कूलों को मर्ज करने का प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा। रोहित ने यहां संवाददाताओं से कहा, "अधिकारियों को राज्य के सीनियर सेकेंडरी और हाई स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या के बारे में आंकड़े उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।" उन्होंने लाहौल और स्पीति जिले के हंसा में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात में असंतुलन का उदाहरण दिया, जहां सिर्फ दो विद्यार्थियों पर आठ शिक्षक हैं।
उन्होंने कहा, "हमने हाई स्कूलों को मर्ज या डाउनग्रेड करने का पैमाना तय किया है, जहां कक्षा पांच से दस तक के विद्यार्थियों की संख्या 20 या उससे कम है और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को मर्ज या डाउनग्रेड करने का पैमाना तय किया है, जहां कक्षा छह से बारह तक के विद्यार्थियों की संख्या 25 या उससे कम है।" रोहित ने कहा कि इसका लक्ष्य राज्य में विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकारी और निजी स्कूलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में सरकारी स्कूलों में नामांकन में 5.13 लाख विद्यार्थियों की कमी आई है। उन्होंने दावा किया कि स्कूलों का विलय सिर्फ हिमाचल प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रहा है और 76,000 स्कूलों का विलय पहले ही हो चुका है। उन्होंने कहा कि इससे पहले राज्य में कम छात्र संख्या वाले 1,100 प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों का विलय किया गया था।