प्रदेश की आर्थिक स्थिति नहीं मजबूत, जनता के समक्ष श्वेत पत्र लाएगी सरकार: सीएम

Update: 2023-04-07 09:15 GMT
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है और सरकार इस संबंध में एक श्वेत पत्र जनता के समक्ष लाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने बीते 5 सालों में आर्थिक बदहाली और व्यवस्था को ठीक करने का कोई प्रयास नहीं किया। आज प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति पर 92833 रुपए का कर्ज चढ़ा हुआ है। विधायक राजेंद्र राणा की ओर से नियम 130 के तहत प्रदेश में आर्थिकी को सुदृढ़ व आत्मनिर्भर और फिजूलखर्ची कम करने पर लगाए गए प्रस्ताव के जवाब में मुख्यमंत्री ने यह बात सदन में कही। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम 6 महीनों में 920 संस्थान खोल दिए। अगर इन पर विचार किया जाता तो कर्मचारियों और अधिकारियों को तनख्वाह देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं होते।
उन्होंने कहा कि व्यवस्था सुधारने के लिए कड़े फैसले लेने की जरूरत है। हिमाचल में आय के कम साधन हैं, ऐसे में वाटर सैस, एक्साइज पॉलिसी और बिजली प्रोजैक्ट से आय कमाने का साधन ढूंढा है। शराब के ठेकों की नीलामी से 40 फीसदी आय बढ़ी है। पहले यह 10 फीसदी थी। डीजल पर सैस बढ़ाने से भी आय हो रही है। इससे पहले विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि उद्योग में बहुत ज्यादा स्कोप है क्योंकि पीसफुल स्टेट होने के नाते यहां लोग आना चाहते हैं। सरकार को चाहिए कि जो बहुत बड़े-बड़े इंडस्ट्रियल हाऊसिज हैं, उनके साथ संपर्क करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को जून 2022 के बाद जीएसटी का कंपनसेशन मिलना बंद हो गया है। वर्ष 2022-23 में केंद्र सरकार से मिलने वाला राजस्व घाटा अनुदान 9,377 करोड़ रुपए से घटते-घटते वर्ष 2025-26 में मात्र 3257 करोड़ रुपए रह जाएगा। यानी वर्ष 2025-26 में राजस्व घाटा 6000 करोड़ रुपए अनुदान मिलना बंद हो जाएगा।
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