मंडी न्यूज़: सुंदरनगर उपमंडल के पुंघ से नौलखा तक निर्माणाधीन फोरलेन सड़क के बाइपास से धूल उड़ने से राहगीर परेशान हैं। खासकर पैदल चलने वालों और छोटे वाहन चालकों के लिए धूल एक समस्या बन गई है। उड़ती धूल राहगीरों की आंखों में पड़ रही है और लोग देख न पाने के कारण गिरकर घायल हो रहे हैं। गौरतलब है कि इन दिनों कीरतपुर नागचला फोरलेन पुंग से बीबीएमबी झील शीशमहल होते हुए नौलखा तक सड़क को चौड़ा और मजबूत करने का कार्य चल रहा है। चौड़ीकरण कार्य में पहाड़ी को काटकर मिट्टी डालकर रोलिंग का कार्य किया जा रहा है। शीशमहल से फांग ग्यारा की परिधि में झील के किनारे बन रही सड़क में निर्माण कंपनी द्वारा पानी न डालने से धूल उड़ रही है। जिससे सड़क से गुजरने वाले राहगीरों व वाहन चालकों की परेशानी लगातार बनी रहती है. सबसे ज्यादा दिक्कत तब होती है जब बड़े वाहन गुजरते हैं तो पैदल चलने वालों को दिक्कत होती है और बड़े वाहनों के पीछे चल रहे वाहनों में बैठे लोगों को धूल के कारण कुछ दिखाई नहीं देता।
धूल के कारण कई लोग गिरकर घायल हो रहे हैं। कुछ लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है. स्कूली बच्चे भी इसी रास्ते से आते-जाते हैं। उन्हें भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि सड़क निर्माण में लापरवाही के कारण सुंदरनगर शहर को वायु प्रदूषण की श्रेणी में रेड जोन में शामिल किया गया है. स्थानीय निवासी सत्येन्द्र, जगत पाल, विजय, अनुराग, जनक सिंह, राहुल और अमित ने बताया कि सड़क पर पानी न डालने से धूल उड़ रही है। इससे राहगीरों के साथ-साथ आसपास रहने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़क किनारे रहने वाले लोगों के घर धूल से भर रहे हैं और स्थानीय दुकानदार भी परेशान हैं.
एनएचएआई से मांगा जवाब
सुंदरनगर प्रशासन की ओर से तहसीलदार वेद प्रकाश अग्निहोत्री ने कहा कि मामला उनके ध्यान में लाया गया है. एनजीटी के नियमों को दरकिनार कर की गई इस लापरवाही पर फोरलेन निर्माण कार्य करा रही कार्यदायी संस्था एनएचएआई से जवाब मांगा गया है। उन्होंने कहा कि एनएचएआई को धूल उड़ने वाले स्थानों पर नियमित रूप से पानी डालने का भी आदेश दिया गया है.