पुनर्मूल्यांकन फीस माफी को लेकर राज्यपाल से मिले छात्र, रखा मामला

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Update: 2022-12-03 10:08 GMT
शिमला। स्नातक प्रथम वर्ष का परीक्षा परिणाम आने के बाद कई विद्यार्थी पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर रहे हैं। इसी बीच पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करने वाले छात्रों से फीस न लेने की मांग अब जोर पकडऩे लगी है। विभिन्न छात्र संगठन लगातार पुनर्मूल्यांकन फीस माफ करने की मांग उठा रहे है। अब यह मामला राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के समक्ष उठा है। शुक्रवार को राज्यपाल विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे।
इस दौरान छात्र संगठनों ने उन्हें ज्ञापन सौंपकर मामले को उनके समक्ष रखा। इस दौरान एन.एस.यू.आई. ने स्नातक प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणाम में अनियमितताएं बरतने का आरोप लगाया और इसकी जानकारी राज्यपाल को दी। एन.एस.यू.आई. के राज्य महासचिव यासीन बट्ट ने कहा कि स्नातक प्रथम वर्ष के परिणाम में कई त्रुटियां है और विश्वविद्यालय के स्तर पर हुई हैं और इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन को निशुल्क छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।
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