टैक्स चोरी पर परवाणु में अडानी ग्रुप के C&F स्टोर पर राज्य कर एवं कराधान विभाग का छापा
सोलन। हिमाचल प्रदेश में अडानी ग्रुप के खिलाफ अब कार्रवाई होना शुरू हो गई है। जीएसटी चोरी के मामले में राज्य कर एवं कराधान विभाग के दक्षिण प्रवर्तन जोन की टीम ने अडानी के अडानी विल्मर लिमिटेड के सी एंड एफ स्टोर में छापा मारकर टैक्स चोरी का बड़ा मामला पकड़ा है। विभाग की टीम द्वारा मौके पर रिकार्ड को खंगाला जा रहा है। मजेदार बात यह है कि इस कंपनी ने पिछले वर्ष हिमाचल प्रदेश में 135 करोड़ रुपए का कारोबार किया लेकिन जीएसटी का सारा टैक्स इनपुट टैक्स क्रैडिट में एडजस्ट कर दिया। हैरानी की बात है कि विभाग ने कंपनी को टैक्स रिफंड भी कर दिया जबकि नियमों के अनुसार करियाना व्यापार में जीएसटी का रिफंड नहीं होता। मजेदार बात यह है कि कंपनी की टैक्स लायबिलिटी में 10 से 15 फीसदी टैक्स का भुगतान कैश पेमैंट में करना होता है जबकि कंपनी द्वारा करोड़ों रुपए के कारोबार में जीरो भुगतान किया जा रहा था। इसे देखते हुए विभाग की टीम ने यह रेड की।
अडानी विल्मर लिमिटेड द्वारा इस सी एंड एफ स्टोर के माध्यम से पूरे प्रदेश में खाद्य तेल, साबुन व खाद्य पदार्थों की आपूर्ति की जाती है या यूं कहें कि परवाणु से कंपनी द्वारा पूरे प्रदेश में करियाने का बिजनैस किया जा रहा था। कंपनी द्वारा नागरिक खाद्य एवं आपूर्ति व पुलिस विभाग को करोड़ों रुपए की सेल की जा रही थी। विभाग की टीम ने बुधवार देर रात स्टोर में रेड कर स्टॉक का जायजा लिया। अडानी समूह के सीमैंट उद्योग के अलावा प्रदेश में 7 कंपनियां कारोबार कर रही हैं। मजेदार बात यह है कि कंपनी का सारा कारोबार और व्यापारिक प्रतिष्ठान किराए व रैंट पर हैं। ऐसे में टैक्स लायबिलिटी का भुगतान कैश से न करने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। विभाग के सूत्रों की मानें तो यह टैक्स गड़बड़ी का बड़ा मामला है। राज्य कर एवं कराधान विभाग के दक्षिण प्रवर्तन जोन के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने पुष्टि करते हुए बताया कि अडानी ग्रुप की अडानी विल्मर लिमिटेड के सी एंड एफ स्टोर पर छापा मारा है। जांच में खुलासा हुआ है कि इस कंपनी द्वारा टैक्स लायबिलिटी का कैश से भुगतान नहीं किया जा रहा था। यह भुगतान 10 से 15 फीसदी बनता है जबकि 135 करोड़ रुपए का कारोबार करने वाली कंपनी का जीरो है। जीएसटी का सारा टैक्स इनपुट टैक्स क्रैडिट में एडजस्ट किया जा रहा था। रिकाॅर्ड को खंगाला जा रहा है। उसके बाद ही पता चलेगा कि यह टैक्स की गड़बड़ी का कितना बड़ा मामला है।