हिमाचल प्रदेश सरकार ने रविवार को कहा कि वह सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करके पायलट आधार पर राज्य के सभी 12 जिलों में से प्रत्येक में दो-दो ग्राम पंचायतों को 'हरित पंचायत' के रूप में विकसित करेगी।
यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि पंचायतों के पुनर्विकास की सरकार की व्यापक योजना में इनमें से प्रत्येक पंचायत में 500 किलोवाट से एक मेगावाट की क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करना शामिल है।
हिमाचल प्रदेश विद्युत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत इन परियोजनाओं की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार का उपक्रम हिमऊर्जा सौर परियोजनाएं स्थापित करने के लिए ग्राम पंचायतों की पहचान करने की प्रक्रिया में है।
इसमें कहा गया है कि राज्य के युवाओं को अपनी जमीन या पट्टे पर ली गई जमीन पर 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।
इन परियोजनाओं से उत्पादित बिजली राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा खरीदी जाएगी। बयान में कहा गया है कि 500 किलोवाट की एक सौर परियोजना की लागत लगभग 2.10 करोड़ रुपये है और यह चालू होने के बाद प्रति दिन 2,250 यूनिट बिजली पैदा करती है, जिससे लगभग 25 लाख रुपये की वार्षिक आय होती है।
इसके अलावा, सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक राज्य को 'हरित ऊर्जा राज्य' के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। वह राज्य में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली पर निर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की मदद से सुधार करने पर भी काम कर रही है। इसमें जीवाश्म ईंधन और कार्बन उत्सर्जन में कटौती शामिल है।