Shimla: भाजपा ने समोसे विवाद को लेकर सुक्खू सरकार पर कसा तंज

हिमाचल प्रदेश में समोसे विवाद पर हुआ बवाल

Update: 2024-11-08 10:12 GMT

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए होटल रेडिसन से मंगाए गए समोसे और केक उनके सुरक्षा कर्मचारियों को परोसे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार को घेरते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा विधायक और मीडिया विभाग के प्रभारी रणधीर शर्मा ने इसे लेकर कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष किया और कहा कि सरकार को विकास से अधिक सीएम के खान-पान की चिंता है।

रणधीर शर्मा ने कहा, “हिमाचल की जनता परेशान है, लेकिन सरकार को केवल मुख्यमंत्री के समोसे की चिंता है। यह दर्शाता है कि सरकार के पास विकास की कोई प्राथमिकता नहीं है।” उन्होंने इसे सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़ा करने वाली घटना बताया और कहा कि ऐसी छोटी-छोटी बातों पर भी सीआईडी जांच कराई जा रही है, जो हास्यास्पद है।

इस घटना की जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा गया था। रिपोर्ट के अनुसार, 21 अक्तूबर को सीआईडी मुख्यालय में मुख्यमंत्री के दौरे के लिए होटल रेडिसन ब्लू से समोसे और केक के तीन डिब्बे मंगवाए गए थे, लेकिन इन्हें गलती से मुख्यमंत्री के बजाय उनके सुरक्षा स्टाफ को परोसा गया। इस गड़बड़ी को सुधारने के लिए डिप्टी एसपी रैंक के एक अधिकारी को इसकी जांच का कार्य सौंपा गया।

इस दौरान सीआईडी विभाग ने पूरी प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की। यह जांच हुई कि आखिर ये समोसे मुख्यमंत्री की जगह उनके स्टाफ को कैसे परोसे गए। रिपोर्ट में कहा गया कि सीएम के लिए लाए गए समोसे और केक उनके मेन्यू का हिस्सा नहीं थे, जिसके कारण भ्रम की स्थिति पैदा हुई।

कैसे हुआ समोसे और केक का भ्रम

रिपोर्ट के अनुसार, सीआईडी में आईजी रैंक के अधिकारी ने एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई) को मुख्यमंत्री के लिए नाश्ता लाने का निर्देश दिया था। इसके बाद एसआई ने एक सहायक एसआई (एएसआई) और एक हेड कांस्टेबल को होटल से नाश्ता लाने के लिए भेजा। एसआई ने जब होटल से नाश्ता मंगवाया, तो उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पर्यटन विभाग के कर्मचारियों से पूछताछ की कि क्या ये स्नैक्स मुख्यमंत्री के लिए थे। उन्हें बताया गया कि ये सीएम के मेन्यू में शामिल नहीं थे, जिससे यह नाश्ता उनके स्टाफ में बांट दिया गया।

समन्वय की कमी के कारण हुआ विवाद

जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि समन्वय की कमी के कारण यह विवाद पैदा हुआ। सब-इंस्पेक्टर को ही केवल यह जानकारी थी कि समोसे और केक के यह डिब्बे विशेष रूप से सीएम के लिए मंगवाए गए थे। जब इन्हें महिला इंस्पेक्टर को सौंपा गया तो उन्होंने बिना किसी वरिष्ठ अधिकारी से पुष्टि किए हुए इन बक्सों को मैकेनिकल ट्रांसपोर्ट (एमटी) सेक्शन में भेज दिया, जहां इन्हें स्टाफ में बांट दिया गया।

इस समन्वय की कमी को लेकर सीआईडी के एक अधिकारी ने लिखित रूप में चिंता व्यक्त की। इस लिखित नोट में आरोप लगाया गया कि इस गलती के लिए जिम्मेदार लोग सरकारी हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं।

भाजपा का हमला: ‘सरकार की प्राथमिकता केवल खान-पान’

भाजपा के नेता रणधीर शर्मा ने इस मामले को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री जैसे वीवीआईपी के कार्यक्रम में समन्वय की कमी एक गंभीर मामला है। उन्होंने तंज कसा कि कांग्रेस सरकार को विकास कार्यों की नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री के खान-पान की चिंता है। इस मामले में सरकारी तंत्र की फजीहत हो रही है और जनता की नजर में सरकार की प्राथमिकता पर सवाल उठ रहे हैं।

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