रिश्वत लेने वाला सीनियर सिविल जज बर्खास्त, जानें पूरा मामला
हिमाचल प्रदेश सरकार ने रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाए जाने के बाद सुंदरनगर के तत्कालीन सीनियर सिविल जज गौरव शर्मा को न्यायिक सेवा से बर्खास्त कर दिया है.
कांगड़ा. हिमाचल प्रदेश सरकार ने रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाए जाने के बाद सुंदरनगर के तत्कालीन सीनियर सिविल जज गौरव शर्मा को न्यायिक सेवा से बर्खास्त (Dismissed From Judicial Services) कर दिया है. वह पिछले काफी समय से निलंबित चल रहे थे. राज्य के गृह विभाग ने यह कदम हिमाचल हाई कोर्ट (Himachal High Court) की जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद लिया है.
सीनियर सिविल जज गौरव शर्मा पर चेक की राशि दिलाने की एवज में एक कारोबारी अश्वनी से 40 हजार रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा था, जबकि हिमाचल हाई कोर्ट की जांच कमेटी ने रिश्वत लेने के आरोप सही पाए थे. हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को गौरव शर्मा को न्यायिक सेवा से बर्खास्त करने के निर्देश दिए थे.
सुंदरनगर में बतौर सीनियर सिविल जज तैनात रहे गौरव शर्मा पंजाब के अमृतसर का रहने वाले थे, जबकि उनकी अदालत में सुंदरनगर के एक कारोबारी ने चेक बाउंस के कई मामले दायर कर रखे थे. जानकारी के मुताबिक, जज ने कारोबारी को अपने चैंबर में बुलाकर चेक का पैसा दिलाने की एवज में 40 हजार रुपये की मांग की थी. हालांकि उन्होंने पैसे लेकर उनके आवास पर आने को कहा था. जज के बुलावे पर कारोबारी अश्विनी 31 मार्च 2017 की देर शाम उनके आवास पर गया था और रिश्वत की राशि दी थी. इसी दौरान विजिलेंस की टीम ने दबिश देकर गौरव शर्मा को रिश्वत की राशि के साथ रंगे हाथ धर दबोचा लिया था.
लंबे समय से निलंबित चल रहे थे
वहीं, विजिलेंस की हिरासत में रहने के दौरान गौरव शर्मा के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई थी. हालांकि इसके बाद वह जमानत पर रिहा गए थे, लेकिन हिमाचल हाई कोर्ट ने उनकी न्यायिक शक्तियां छीन कर मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था.
सेवा नियमों के तहत बर्खास्तगी
इस मामले को लेकर हिमाचल के गृह विभाग के प्रधान सचिव रजनीश कुमार ने केंद्रीय सिविल सर्विस नियम 1965 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए गौरव शर्मा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया. जबकि गृह विभाग के विशेष सचिव राकेश शर्मा ने सुंदरनगर में बतौर सीनियर सिविल जज तैनात रहे गौरव शर्मा पंजाब की बर्खास्तगी की पुष्टि की है.