राजा का तालाब। विकास खंड फतेहपुर की ग्राम पंचायत चकवाड़ी की ग्राम सभा का कोरम वीरवार को पूर्ण हो गया। आम ग्राम सभा में बीपीएल सर्वे को लेकर लोगों में रोष देखा गया। इस दौरान पंचायत के कई लोगों ने सर्वे पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि आमदनी का साधन न होने के बावजूद पुश्तैनी पक्के मकानों को देखकर ही उन्हें बीपीएल में नहीं डाला। बीपीएल में डाले कई लोग साधन संपन्न होने के बाद भी लाभ ले रहे हैं। ब्रह्मदत्त, सोमराज, सुनीता देवी, रीना देवी, सुभाष चंद, मनोहर लाल, शशि बाला, जोगिंद्र सिंह, ऊषा देवी, हरबंस लाल, सवर्ण सिंह, सुनैना कुमारी, किरण कुमारी, जतिंद्र गुप्ता का आरोप है कि पंचायत के लोगों को बीपीएल के प्रार्थना पत्र की सूचना नहीं दी गई। कुछ पंचायत प्रतिनिधि अभी भी बीपीएल का लाभ ले रहे हैं। रंजना देवी का आरोप है कि उसका परिवार बीपीएल में आने का पात्र है। मकान नहीं है, शौचालय का अभाव है। पति पवन कुमार दिहाड़ीदार है।
सुनैना देवी का आरोप है कि उसे बीपीएल बारे कोई सूचना नहीं मिली जबकि वह तलाकशुदा है। पिता के घर में रहने को मजबूर है, एक बेटा भी है। ललिता देवी पत्नी जोगिंद्र सिंह का कहना है कि पति की टांग टूटी है, इसलिए दिहाड़ी भी नहीं लग पाती। कुछ ही अरसे के उपरांत उसे बीपीएल से हटाया गया। सलोचना देवी विधवा रमेश चंद ने कहा कि उसके 2 लड़के हैं और दोनों दिहाड़ीदार हैं। 2 साल के बाद ही उसके परिवार को बीपीएल से काट दिया गया। इच्छया देवी पत्नी नेहडू राम का कहना है कि उनका परिवार बीपीएल के लिए पात्र है। परंतु उन्हें प्रार्थना पत्र की सूचना नहीं दी गई। किरण कुमारी पत्नी रशपाल सिंह का कहना है उनके पति को 9 साल से अधरंग की समस्या है। उन्हें भी बीपीएल में डालना चाहिए। ऑब्जर्वर कुलदीप सिंह संधू ने बताया कि पंचायत में कुल 110 परिवार बीपीएल में थे। सर्वे टीम के आकलन के आधार पर 12 परिवारों को बीपीएल से हटाकर 12 नए परिवार इसमें डाले गए हैं। सर्वे को लेकर कुछ लोगों ने सवालिया निशान उठाए हैं। विकास खंड अधिकारी निशी महाजन का कहना है कि आम ग्राम सभा के दौरान हुई कार्यवाही की प्रक्रिया की जानकारी मिलने के बाद आगे की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।