ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण प्रदान करे, नही तो होगा चुनाव का बहिष्कार

Update: 2022-06-20 10:18 GMT

शिमला: ओबीसी को चुनाव से पहले 27 फीसदी आरक्षण की घोषणा सरकार करें अन्यथा विधानसभा चुनाव में बीजेपी का बहिष्कार होगा। यह निर्णय हिमाचल अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण मंडल की राज्य स्तरीय बैठक में लिया गया। कर्नल स्वरूप कोहली की अध्यक्षता में कांगड़ा में आयोजित इस बैठक में प्रजापति समाज के राज्य अध्यक्ष गुरदेव, जट समुदाय के प्रदेश अध्यक्ष प्रशोतम घन्ना, घीमान सुमदाय के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश घीमान, मैहरा समाज के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट तिलक राज रपोतरा, घृत वाहती चाहंग के प्रदेश अध्यक्ष श्रीकंठ चौधरी, नवभारत एकता दल के सयोंजक प्रेम कुमार विश्वर्मा, त्रिलोक मेहरा व सभी ओबीसी की जातियों के कई सदस्यों ने भारी संख्या में भाग लिया। 2011 की जनगणना के अनुसार एससी वर्ग की जनसंख्या सरकारी आंकड़ों के अनुसार 17.25 लाख के करीब है और सरकार ओबीसी की आबादी को हर वक्त तोड़ मरोड कर 12 लाख के करीब दर्शाती है।

सभी ने इस पर हैरानी जताई की ओबीसी की 54 जातियों की आबादी हिमाचल में कभी भी एससी की जनसंख्या से कम नहीं हो सकती, अगर एससी की आबादी 17.25 लाख है तो ओबीसी की आबादी नि:संदेह 25 लाख के करीब है। यह निर्णय लिया गया कि सरकार ओबीसी की आगामी जनगणना में अलग से जनगणना करवाए, अगर सरकार ओबीसी की जनगणना अलग से नहीं करवाती हैं तो ओबीसी समाज जनगणना का बहिष्कार करेगा। मिटिंग में निर्णय लिया गया कि बीजेपी, कांग्रेस या नई जन्मी आप को ओबीसी तभी वोट डालेगी जब यह पार्टियां 18 सीटें ओबीसी को देने की शर्त को पूरा करती है और ओबीसी के बच्चों को उच्च शिक्षा और नौकरियों में अपने अपने मैनीफैस्टो में 27 फीसदी आरक्षण के अनुसार हर जगह सामाजिक न्याय की बात करती है।

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