सनेड गांव के लोगों ने प्राइमरी और मिडिल स्कूल की घेराबंदी की, जानिए पूरा मामला

Update: 2022-08-21 06:45 GMT

हिमाचल न्यूज़: ग्राम पंचायत उखली के तहत आने वाले सनेड गांव के लोगों ने शनिवार के दिन यहां स्थित प्राइमरी और मिडिल स्कूल की घेराबंदी कर दी। ग्रामीणों ने स्कूल परिसर की बाड़बंदी कर छात्रों को भी अंदर नहीं जाने दिया। हालांकि ग्रामीणों द्वारा छात्रों को एक मकान में शरण दी गई तथा इनका पूरा ख्याल रखा गया। ग्रामीणों का गुस्सा इस बात को लेकर है की स्कूल में मल्टी टास्क भर्ती के दौरान किसी अन्य गांव के व्यक्ति का चयन किया गया है। हालांकि स्कूल के लिए सनेड गांव के लोगों ने अपनी भूमि दान की थी। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अब कहा जा रहा है कि पुराना स्कूल गिर चुका है। इस तरह की बातों से खिन्न होकर गांववासियों ने शनिवार के दिन स्कूल को ही बंद कर दिया। इस दौरान काफी अधिक संख्या में गांव के ग्रामीण एकत्रित हुए तथा एमटीएस भर्ती का विरोध जताया। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों पहले उन्होंने स्कूल निर्माण के लिए भूमि दान की थी। ग्रामीणों द्वारा दान की गई भूमि के कारण ही यहां पर स्कूल का निर्माण हुआ तथा अब तक हजारों छात्र यहां से शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं। वर्तमान में इस स्कूल में 25 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जिनमें से 18 छात्र प्राइमरी स्कूल जबकि सात माध्यमिक पाठशाला सनेड में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा विरोध जताने के बाद उत्पन्न हुआ तनाव का माहौल शांत करने के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पट्टा के प्रधानाचार्य ही पहुंचे। वही इस बाबत तहसीलदार हमीरपुर को भी सूचित किया गया है। ग्राम पंचायत प्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे तथा ग्रामीणों की बात को सुना गया। सनेड गांव के ग्रामीण अपनी अनदेखी को लेकर उग्र हो गए हैं तथा किसी भी सूरत में इसे बर्दाश्त नहीं करना चाहते।

ग्रामीणों की माने तो गांव के जिन परिवारों ने स्कूल के लिए भूमि दान की है उन्हीं परिवारों में से किसी सदस्य को एमटीएस के रूप में रखा जाना चाहिए था। ग्रामीणों का दावा है कि नियम के अनुसार संबंधित गांव से ही व्यक्ति को रखा जाता है। फिलहाल ग्रामीणों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है और इस बढ़ रहे आक्रोश को शांत करने के लिए प्रशासन को मामले में हस्तक्षेप करना होगा।

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