शिमला न्यूज़: पिछले महीने राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल में आग लगने की बड़ी घटना हुई थी। आग लगने से जहां अस्पताल की कैंटीन जल कर राख हो गई, वहीं अस्पताल की इमारत का बिजली वाला हिस्सा भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. ऐसे में नए ओपीडी भवन की लिफ्ट भी चलनी बंद हो गई, जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। मरीजों को इलाज के लिए या तो सीढ़ियों का इस्तेमाल करना पड़ता है या रैंप से गुजरना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी उन मरीजों के तीमारदारों को हो रही है जो चल नहीं सकते। कुछ मरीजों को स्ट्रेचर पर ले जाना पड़ता है।
ऐसे मरीजों को लेने में काफी परेशानी होती है। हालांकि आग लगने के तुरंत बाद अस्पताल प्रशासन सभी सुविधाओं को सुचारू करने में लगा हुआ था, लेकिन लिफ्ट का काम अभी तक नहीं हो सका. ऐसे में लिफ्ट का काम शुरू हो चुका है और मरीजों की सुविधा के लिए अगले सप्ताह से लिफ्ट सुचारू कर दी जाएगी। आईजीएमसी के बाहरी ओपीडी भवन में 27 अप्रैल को कैफेटेरिया कैंटीन में आग लगने की घटना के बाद से लिफ्ट बंद है. ऐसे में 12 मंजिलों में विभिन्न ओपीडी में इलाज के लिए आने के लिए मरीजों को रैंप और सीढ़ियों पर चलकर आना पड़ता है। इससे सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों, बुजुर्गों और ऑर्थो के मरीजों को हो रही है। हालांकि ट्रामा ब्लॉक की तरफ लिफ्ट तो है, लेकिन भीड़ काफी है, इसलिए जब तक लिफ्ट की बारी आती है तब तक ज्यादातर मरीज पैदल ही ओपीडी पहुंच जाते हैं। बता दें कि अस्पताल में रोजाना तीन हजार से ज्यादा मरीजों की ओपीडी होती है। ऐसे में पिछले माह से इलाज के लिए आ रहे प्रदेशभर से मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.