सरकारी कर्मचारियों की बायोमीट्रिक मशीनों से 100 फीसदी हाजिरी लगाने के आदेश

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Update: 2022-11-19 09:18 GMT
शिमला। सरकारी कार्यालयों, बोर्डों व निगमों में बायोमीट्रिक मशीनों से कर्मचारियों की 100 फीसदी हाजिरी लगाने के प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार हरकत में आ गई है। इसके तहत मुख्य सचिव की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों व सम्बद्ध अधिकारियों को इन आदेशों का तुरंत पालन करने को कहा गया है। इसमें कहा गया है कि सरकार की तरफ से निदेशालयों सहित बड़े कार्यालयों में इसकी व्यवस्था की गई है, जिस पर तुरंत अमल होना चाहिए। इन आदेशों का पालन नहीं होने पर सरकार ने कार्रवाई करने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए थे कि वह तुरंत प्रभाव से सरकार के अधीन सभी सरकारी कार्यालयों, बोर्डों और निगमों में बायो मीट्रिक मशीनों से कर्मचारियों की 100 फीसदी हाजिरी शुरू करे। कोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश भी दिए थे।
इसके बावजूद सुबह 10 बजकर 5 मिनट तक संबंधित कर्मी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए थे। प्रार्थी रजनीश पॉल द्वारा दायर अनुपालना याचिका की सुनवाई के दौरान उक्त आदेश दिए गए थे। अधिकारी को गत मंगलवार को तलब किया गया था। इससे पहले भी गत 1 नवम्बर को कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा गया था परंतु किन्ही कारणों से उस दिन उक्त अधिकारी पेश नहीं हुए, इसलिए कोर्ट ने 15 नवम्बर को उन्हें अदालत के समक्ष पेश होने के आदेश दिए थे। रजनीश पॉल व अन्य प्राॢथयों ने पे-स्केल घटाने के आदेशों को कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने पाया कि पे स्केल घटाने का आदेश प्रार्थियों को बिना कारण बताओ नोटिस ही जारी कर दिया गया। इतना ही नहीं उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रार्थियों की सैलरी उन्हें सुने बगैर ही घटा दी। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के 22 अक्तूबर 2003 के आदेश को गैर-कानूनी ठहराते हुए खारिज कर दिया था। इसके बावजूद शिक्षा विभाग ने मार्च 2004 से 31 दिसम्बर 2008 तक घटाया हुआ वेतन ही दिया।
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