Himachal Pradesh: हिमाचल में सैलानियों के लिए ऑफर, होटल बुकिंग पर भारी छूट

Update: 2024-07-05 05:39 GMT

Himachal Pradeshहिमाचल प्रदेश: मॉनसून सीजन में पर्यटकों (Himachal Tourist) को लुभाने के लिए पर्यटनTourism विभाग ने सैलानियों के लिए ऑफर जारी किए हैं। यहां पर हिमाचल पर्यटन विभाग के नियमों में भारी छूट का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में दो माह तक इन दरों में 20 से 10 प्रतिशत तक छूट दी जाएगी। अक्टूबर, बारिश (Himachal Rains) के चलते हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है। हिमाचल पर्यटन विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक राजीव कुमार ने बताया कि 30 से 40 प्रतिशत तक छूट दी गई है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटलों में यह छूट तीन महीने तक मिलेगी। यह छूट 15 जुलाई से 15 सितंबर 2024 तक दी गई है। बता दें कि शिमला, मनाली, डलहौजी, धौलपुर सहित प्रदेश के सभी पर्यटन स्थलों पर पर्यटन निगम के होटल हैं।

उन्होंने पेपरलेस की प्रक्रिया के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस वर्ष के जनवरी माह से इसकी शुरुआत हो चुकी है। अब एचपीटीडीसी पूरी तरह पेपरलेस हो गया है। अगर कर्मचारी छुट्टी पर चले जाते तो जारी प्रभावित होता, लेकिन पेपरलेस के बाद कार्य प्रभावित नहीं होगा और साथ ही इस प्रक्रिया से अतिरिक्त खर्च भी कम हो गया है। जानकारी के अनुसार, निगम के सभी होटल, रेस्टोरेंट और कैफे का रिकार्ड डिजिटलDigital हो गया है। इससे एचपीटीसी को घाटे से उबारने में मदद मिलेगी। वहीं निगम के सारे रिकार्ड अब सरलता की जगह ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, प्राणियों के हर कार्य की जानकारी का रिकॉर्ड ई-आफिस पर ऑनलाइन मिलेगा। अधिकारी कार्यालय, घर एवं प्रदेश के बाहर कहीं से भी डिजिटल साइन के माध्यम से व्यवस्थित हथियार।

एचपीटीसीडी सरकार का पहला निगम है, जो पूरी तरह से ई-आफिस की सुविधा से जोड़ा गया है। इसका उद्देश्य निगम के कार्य को पूरी तरह पेपरलेस बनाना है। हिमाचल पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार ने कहा कि पेपरलेस की प्रक्रिया इस वर्ष के जनवरी माह से आरंभ हो गई थी। अब एचपीटीडीसी पूरी तरह पेपरलेस हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर की 65 होटल इकाइयों को ई-आफिस की सुविधा से लैस किया गया है। पहले कार्यालय में एक से दूसरे स्थान पर जाकर मंजूरी मिलती थी। इसमें काफी समय और टेबलों पर सड़कें ढकी हुई लगती थीं। एचपीटीडीसी के पूरे प्रदेश में करीब 16 परिसर हैं, जिनके अंदर सभी यूनिट हैं। इन सभी इकाइयों पर एक साथ नजर रखना निगम प्रबंधन के लिए चुनौती भरा था, लेकिन अब निगरानी सीधे निगम मुख्यालय से हो गई।

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