हिमाचल : हिमाचल प्रदेश के पंडोह डैम के पास बीती बरसात में क्षतिग्रस्त हुए चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे के 1 अप्रैल से शुरू होने की तारीख निर्धारित कर दी गई है। यह तारीख एनएचएआई(नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने तय की है। अगस्त 2023 में भारी बारिश के कारण पंडोह डैम के पास कैंची मोड़ वाला नेशनल हाईवे का हिस्सा पूरी तरह से जमींदोज होकर डैम में समा गया था। इसके बाद यहां पर हाईवे को बहाल करने का कार्य शुरू किया गया लेकिन उसे पूरा करने में करीब सात महीनों का समय लग गया।
हालांकि अगस्त में जब यह मार्ग श्रतिग्रस्त हुआ था तब एनएचएआई द्वारा कई विभागों और फोरलेन निर्माण कार्य में लगी कंपनियों से इस कार्य को करने के लिए कहा लेकिन कोई भी तैयार नहीं हुआ। इसके बाद एनएचएआई ने गावर कंपनी को इस कार्य को सौपा। गांवर कंपनी और उसके ठेकेदार ने समय रहते इस हाईवे को आने वाली बरसात से पहले पूरा कर रही है। हालंकि अगस्त में यह हाइवे श्रतिग्रस्त हुआ और सितंबर माह मे इस कार्य को गावर कंपनी को सौपा गया था। क्षतिग्रस्त हाईवे एक महीने पहले भी बहाल हो सकता था लेकिन बारिश और कुछ समय कंपनी को भुगतान नहीं होने के कारण यह कार्य बंद भी रहा। अब हाईवे को पूरी तरह से बहाल करने के लिए 1 अप्रैल की तारीख निर्धारित कर दी गई है। 1 अप्रैल से यहां पर गाड़ियां सरपट दौड़ना शुरू हो जाएंगी।
हाईवे को बहाल करने से पहले होगा सुरक्षा का सर्वे
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरूण चारी ने बताया कि यदि मौसम ने साथ दिया और कोई बाधा नहीं आई तो 1 अप्रैल से हाईवे को यातायात के लिए बहाल कर दिया जाएगा। हाईवे को बहाल करने से पहले इसी हफ्ते एनएचएआई की एक टीम यहां पर सुरक्षा का सर्वे करेगी और इस बात को जांचेगी कि कहीं पर यातायात संबंधी कोई कमी तो नहीं रह गई है। यदि ऐसा हुआ तो फिर उस कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। एनएचएआई खुद इस बात को लेकर प्रयासरत है कि क्षतिग्रस्त हाईवे को जल्द बहाल किया जाए।
वैकल्पिक मार्ग से हो रही आवाजाही
पंडोह डैम के पास हाईवे क्षतिग्रस्त होने के बाद एक वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है। इससे सारा ट्रैफिक गुजारा जा रहा है। यह मार्ग काफी संकरा है। इस कारण यातायात काफी धीमा रहता है और आने-जाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं, आने वाले पर्यटन सीजन से पहले भी इस हाईवे को बहाल करना बेहद जरूरी है। नहीं तो यहां पर लंबे जाम की समस्या से जूझना पड़ेगा।