यूक्रेन में फंसे हिमाचल के 50 से ज्यादा छात्राए, माता-पिता ने लगाई गुहार

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने से हिमाचल से यूक्रेन शिक्षा ग्रहण करने गए कई विद्यार्थी वहां फंस गए हैं।

Update: 2022-02-24 12:58 GMT

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने से हिमाचल से यूक्रेन शिक्षा ग्रहण करने गए कई विद्यार्थी वहां फंस गए हैं। हमीरपुर के 20, मंडी के 25 और चंबा और कुल्लू के 7-7 छात्र यूक्रेन में फंस गए हैं। इनके माता-पिता ने भारत सरकार से सभी बच्चों को सुरक्षित वापस लाने की गुहार लगाई है। जिला शिमला के ठियोग की चिखड़ पंचायत की कशिश शर्मा भी यूक्रेन में फंस गई है। हालांकि परिजनों का उससे बराबर संपर्क बना हुआ है। कशिश के परिजनों ने भारत सरकार से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर यूक्रेन में फंसे भारतीय विद्यार्थियों को वापस लाने की मांग की है।

कशिश के पिता महेंद्र शर्मा ठियोग अस्पताल के साथ दवाइयों की दुकान चलाते हैं। उनकी बेटी पिछले चार सालों से यूक्रेन में पढ़ाई कर रही है। युद्ध छिड़ने के चलते कई भारतीय छात्रों के लिए संकट की घड़ी पैदा हो गई है, जिस कारण परिजन चिंता में हैं। उन्होंने कहा कि वहां अभी सब सामान्य है और गुरुवार दोपहर बाद करीब 3 बजे उनकी बेटी से बातचीत हुई। महेंद्र ने बताया कि बस अभी वीडियो कॉल पर बात नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि यूक्रेन में बीएमएसयू में उनकी बेटी मेडिकल की शिक्षा ग्रहण कर रही है। बेटी कशिश शर्मा से लगातार परिवार के अन्य सदस्य भी फोन पर संपर्क साधे हुए हैं।
कशिश के परिजनों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द अपना हस्तक्षेप कर बच्चों को भारत लाने के लिए पहल करें। पावंटा साहिब की दो छात्राएं भी यूक्रेन के इवानो में एमबीबीएस कर रही हैं। पांवटा की छात्रा मुस्कान और फतेहपुर निवासी एमबीबीएस की प्रथम वर्ष की छात्रा अक्षिता से परिजन लगातार फोन पर बात कर रहे हैं। कुल्लू पुलिस के पास अभी सात विद्याथियों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना है। लेकिन इनकी संख्या अधिक बताई जा रही है। इसमें जिला कुल्लू के कटराईं के भाई-बहन भी शामिल है। वह यूक्रेन के पश्चिमी स्थित उजहोरोड नेशनल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।
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