धर्मशाला न्यूज़: हिमाचल प्रदेश में अब वाहन का प्रदूषण प्रमाणपत्र बनवाना महंगा हो गया है। सरकार ने फीस बढ़ा दी। प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाने पर भी पहली बार ग्रीन टैक्स लगाया गया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव परिवहन आरडी नाजिम ने अधिसूचना जारी कर दी है।
करीब 24 साल बाद प्रदेश में प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने की फीस में इजाफा किया गया है। राज्य सरकार ने यह फैसला अपनी आय बढ़ाने की मंशा से लिया है। इसके बाद सीएनजी, पेट्रोल और एलपीजी से चलने वाले दोपहिया वाहनों से 100 रुपये शुल्क लिया जाएगा। इसमें 20 रुपये का ग्रीन टैक्स होगा।
तिपहिया वाहनों से प्रदूषण प्रमाण पत्र के लिए 120 रुपये लिए जाएंगे। इसमें भी 20 रुपये ग्रीन टैक्स के रूप में कटेंगे।
चार पहिया वाहनों से पेट्रोल, सीएनजी, एलपीजी के साथ 130 रुपये शुल्क लिया जाएगा। इसमें 30 रुपये का ग्रीन टैक्स होगा। डीजल से चलने वाले वाहनों के लिए यह शुल्क 150 रुपये होगा। इसमें से 40 रुपये ग्रीन टैक्स काटा जाएगा।
15 हजार 5 हजार रुपए सिक्योरिटी भी लेंगे: अब प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी करने वाली एजेंसियों को शहरी क्षेत्रों में 15 हजार रुपये जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार रुपये सुरक्षा के रूप में जमा कराने होंगे। प्राधिकरण नवीनीकरण शुल्क भी दोगुना कर दिया गया है। इसके लिए 4,000 रुपये से लेकर 8,000 रुपये तक शुल्क लिया जाएगा। तक होगा प्राधिकरण शुल्क भी इसी तरह 4,000 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये कर दिया गया है। वह भी दोगुना हो जाएगा।