शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में प्री-मानसून की पहली ही बारिश ने कहर बरपा दिया है। शहर में आधा दर्जन से अधिक वाहन मलबे की चपेट में आ गए हैं। इससे वाहनों को काफी नुक्सान पहुंचा है। कृष्णानगर में मलबा घरों में घुस गया। इससे 2 परिवार बेघर हो गए हैं। नालों की सारी गंदगी यहां पर लोगों के घरों व सड़कों पर इकट्ठा हो गई है। बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। जाखू में डंगा गिरा है। शहर में 5 जगहों पर पेड़ गिरे हैं।
पहली ही बारिश ने प्रशासन के इंतजामों की पोल खोल कर रख दी है। शहर में बाईपास रोड, लोकल बस स्टैंड, संजौली, लालपानी, कृष्णानगर में सड़कों के किनारे पार्क वाहन मलबे की जद्द में आ गए हैं जबकि शहर में 5 पेड़ जमीन से उखड़ कर सड़कों पर आ गिरे हैं। इससे भी लोगों को परेशानी उठानी पड़ी है। राजधानी के उपनगर टूटीकंडी के नाले, संजौली, टुटू के शिव नगर, कृष्णानगर में वाहन मलबे की चपेट में आए हैं। यहां पर वाहनों को लाखों रुपए का नुक्सान पहुंचा है।
कृष्णानगर में ही 8 लाख से ज्यादा का नुक्सान हुआ है। शहर में पेड़ गिरने के बाद सड़कें बंद रहीं। इसके बाद लोक निर्माण विभाग की टीम लगातार सड़कों को खोलने में लगी रही। वहीं घरों में मलबा घुसने से बेघर हुए परिवारों को प्रशासन ने 15-15 हजार रुपए की सहायता प्रदान की है। नाभा में कई जगहों पर भूस्खलन होने से जेसीबी लगाकर रोड को बहाल करने का काम दिनभर चलता रहा। वहीं शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भूस्खलन होने से कई सड़कें बंद रहीं।