शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में मानसूनी बारिश ने कहर बरपा दिया है और तबाही का मंजर थम नहीं रहा है। जिले में जगह-जगह हो रहे भूस्खलन से जान-माल को भारी नुकसान पहुंचा है। ठियोग उपमंडल के पाल्वी गांव में एक अस्थायी मकान (ढारा) भरभराकर गिर गया। इसके मलबे में दबकर एक परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। इनमें दम्पति और उनका बेटा शामिल है। ये नेपाली मूल के थे और मजदूरी करते थे। हादसा सोमवार सुबह 11 बजे के करीब हुआ। राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी टीमों में मलबा हटाकर तीनों शवों को निकाला।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भूस्खलन में तीन लोगों की मौत की पुष्टि की है। इनकी पहचान वीर बहादुर (52), देवदासी (46) पत्नी वीर बहादुर और बेटे मोहन बहादुर (19) के तौर पर हुई है। ये तीनों शिलारू के पास पाल्वी गांव में रोशन लाल के सेब बगीचे में बने एक अस्थायी मकान में रह रहे थे। शिमला जिले में बीते दो दिनों में भूस्खलन से 10 लोगों की जान जा चुकी है। रविवार को ठियोग और शिमला शहर में भूस्खलन से दो मकान क्षतिग्रस्त हुए थे। इन घटनाओं में मां एवं बेटे और दादी-पोती की मौत हुई थी। इससे पहले रविवार तड़के कुमासेन के कोटगढ़ में एक मकान के ढहने से दम्पति एवं उनके 11 वर्षीय बेटे की मौत हुई थी।
हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान वर्षा जनित हादसों में अब तक 57 लोग मारे जा चुके हैं। भारी वर्षा से राज्य में सैंकड़ों सड़कें ठप होने से परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है। भूस्खलन की वजह से 800 से अधिक सड़कें बंद हैं और करीब 1000 रूटों पर एचआरटीसी की बस सेवा ठप पड़ गई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।