हिमाचल प्रदेश | चौपाल और नेरवा बाजार में फल-सब्जी विक्रेताओं और हेयर कटिंग सैलून संचालकों की मनमानी पर करणी सेना ने कड़ा रोष जताया है। इस विषय को लेकर करणी सेना की एक बैठक चौपाल में आयोजित की गई. करणी सेना के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने उन्हें अपनी दुकानों में रेट लिस्ट लगाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन ये विक्रेता प्रशासन की नाक के नीचे आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. फल एवं सब्जी विक्रेता तहसील मुख्यालय पर ही रेट लिस्ट न लगाकर लोगों से मनमाने दाम वसूल रहे हैं। ऐसे में अन्य ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति क्या होगी यह स्वत: ही समझा जा सकता है. इन लोगों की मनमानी के कारण लोग महंगी सब्जियां और फल खरीदने को मजबूर हैं. ऐसा नहीं है कि वे हमेशा रेट लिस्ट प्रकाशित नहीं करते. प्रशासन व विभाग की कार्रवाई के बाद एक-दो दिन तक सभी दुकानों व विक्रेताओं पर रेट लिस्ट चस्पा की जाती है, लेकिन बाद में वह फिर गायब हो जाती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि चौपाल बाजार में हर सब्जी विक्रेता के पास एक ही सब्जी के अलग-अलग दाम हैं, कोई 60 रुपये तो कोई 80 रुपये प्रति किलो टमाटर बेच रहा है. यही हाल हेयर कटिंग सैलून का भी है, वे भी मनमर्जी से लोगों से पैसे वसूल रहे हैं। उपमंडल चौपाल में आम जनता को हो रही परेशानी पर राष्ट्रीय करणी सेना ने चिंता जताई है। करणी सेना ने बाजार में सब्जियों और बाल कटिंग के रेट तय करने, लंकावीर से चौपाल अस्पताल तक सुबह 9 से 10 बजे तक वाहनों की आवाजाही बंद करने, बाजार का कूड़ा एक जगह इकट्ठा करने, नालियां बनाने जैसे कदम उठाए हैं. चौपाल, नेरवा रोड और गुज्जर समुदाय के वाहनों की आवाजाही बंद करने को कहा। वन संपदा को बचाने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की गई है। इन सभी समस्याओं के समाधान को लेकर सेना के अधिकारियों ने एसडीएम चौपाल नारायण चौहान को एक ज्ञापन भी सौंपा.