मंडी। जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के सबसे खर्चीले मुख्यमंत्री साबित हुए हैं। उन्होंने 45 हजार करोड़ जो हिमाचल के ऊपर कर्ज था, उसे 75000 करोड़ के पार पहुंचाया। ये आरोप बुधवार को पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने मंडी में प्रैस वार्ता में लगाए। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों बारिश से पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र सराज के थुनाग में जो बाढ़ में मलबे के साथ बहकर आई बड़े पैमाने पर देवदार की लकड़ी कहां से आई, यह लकड़ी कहां छुपाई गई थी और इतने बड़े पैमाने पर कहां अवैध कटान हुआ, यह सारा जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि इस बाढ़ में आई लकड़ियों की जांच सीबीआई से होनी चाहिए। कौल सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में जो प्रदेश में आपदा आई है उसमें सरकार का सहयोग करने की बजाय पूर्व सीएम जयराम ठाकुर राजनीति कर रहे हैं।
केंद्र सरकार से हिमाचल को जो राहत राशि मिली है उसमें से आधी राशि गत वर्ष की थी। जब भी किसी प्रदेश में ऐसी आपदा आती है तो केंद्र सरकार की ओर से सहायता दी जाती है। प्रदेश में हजारों करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। कौल सिंह कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कह रहे हैं कि आपदा के नाम पर जो राहत सामग्री सरकार द्वारा वितरित की गई, उसमें भेदभाव हुआ है। राहत कार्य में सरकार की ओर से कोई भी भेदभाव नहीं हुआ तथा सबसे ज्यादा मदद थुनाग में लोगों को दी गई। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बार-बार यह कहते हैं कि वर्तमान सरकार से ब्यूरो क्रेट्स खफा हैं तथा वह केंद्र में जाने के इच्छुक हैं। ऐसा कुछ भी नहीं है तथा जयराम ठाकुर सरकार को अस्थिर करने का काम कर रहे हैं। कौल सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष में पूर्व विधायक एक माह की पैंशन देंगे। इस अवसर पर पूर्व मंत्री व जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश चौधरी, पूर्व संसदीय सचिव सोहन लाल ठाकुर व चंपा ठाकुर शामिल रहे।