शिमला के ठियोग में 6 में से 4 खिलाड़ियों ने 72 घंटे तीन मिनट तक लगातार चेस खेलकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ठियोग में छह में से चार खिलाड़ियों ने 72 घंटे तीन मिनट तक लगातार चेस खेलकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ठियोग में छह में से चार खिलाड़ियों ने 72 घंटे तीन मिनट तक लगातार चेस खेलकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इनमें दो खिलाड़ी 63 घंटे तीन मिनट तक ही खेल पाए। बता दें कि 56 घंटे तक लगातार खेलने का रिकॉर्ड नार्वे के खिलाड़ियों के नाम था जिसे बीते दिन ही तोड़ दिया था। नया रिकॉर्ड बनाने में चार दिन लगे। हिमाचल प्रदेश शतरंज संघ की ओर से आयोजित वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन के लिए हिमाचल प्रदेश के चार खिलाड़ियों ने 11 जून से 14 जून तक 72 घंटे 3 मिनट तक शतरंज खेल कर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
प्रदेश शतरंज संघ के कार्यकारी अधिकारी रोमित वर्मा ने बताया कि ठियोग के शिमला हिल्स होटल में बिल्ड्ज प्रारूप में रोहडू़ के हितेश आजाद और ठियोग के संजीव वेक्टा ने 663 गेम खेल कर 72 घंटे 3 मिनट तक खेल कर नया रिकॉर्ड बनाया जबकि नए रिकॉर्ड के लिए इतने ही समय में विक्की आजाद और अनिल शोष्टा ने रैपिड प्रारूप में 187 बाजियां खेलीं। ठियोग के अक्षय शोष्टा और शिमला के दलीप सिंह ने बुलेट प्रारूप में 63 घंटे 6 मिनट में 663 बाजियां खेलीं। उन्होंने बताया कि लगातार शतरंज खेलने का रिकॉर्ड वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन के अधिकारी जसवीर सिंह की निगरानी में किया गया।
जबकि तकनीकी प्रबंधन गुजरात के अंकित दलाल और पार्थ शाह ने किया। यह रिकॉर्ड खेल के तीन विभिन्न आयामों बुलेट, बिल्ड्ज और रैपिड फारमेट में बनाया गया। विश्व में पहली बार शतरंज की तीन श्रेणियों के तहत यह रिकॉर्ड बनाया गया। रोमित वर्मा ने बताया कि खेल के दौरान वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन और गिनीज बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड के मापदंडों और नियमों का अनुपालन किया गया। इस आयोजन में बिल्ड्ज और रैपिड श्रेणियों का प्रसार किया गया। खिलाड़ियों की ओर से खेली गई प्रत्येक गेम और चाल का रिकॉर्ड डिजिटल बोर्ड के माध्यम पर रखा गया। इस आयोजन की निरंतर वीडियो रिकॉर्डिंग की गई।
हर एक घंटे में पांच मिनट का ब्रेक
खेल के दौरान खिलाड़ियों को हर एक घंटे में पांच मिनट का ब्रेक होता है। खिलाड़ी 10 घंटे लगातार खेलते और उसके बाद 50 मिनट में खाना-पीना, बाथरूम जाना और अन्य कार्य करते। चार दिन-रात खेल का दौर चलता रहा।