शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में वाटर सैस लगाने से पंजाब-हरियाणा पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर वह इस बारे में पंजाब व हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के साथ बात करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब विधानसभा की तरफ से इस बारे पारित प्रस्ताव का अध्ययन करने के बाद ही वह बुधवार को बयान देंगे। सुखविंदर सिंह सुक्खू विधानसभा परिसर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से वाटर सैस लगाने से इंटर स्टेट वाटर डिसप्यूट एक्ट, 1956 को कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। प्रदेश ने यह वाटर सैस जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड की तर्ज पर लगाया है। उन्होंने कहा कि यह वाटर सैस किसी नहर पर नहीं लगा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का पंजाब और हरियाणा से भाई जैसा रिश्ता रहा है। उन्होंने कहा कि वह इस विषय पर कोई राजनीति नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जो 172 पावर प्रोजैक्ट हैं, उसमें से हरियाणा का कोई प्रोजैक्ट नहीं है। इसके अलावा शानन पावर प्रोजैक्ट की लीज अगले 6 माह में खत्म होने वाली है। उसके बाद पंजाब सरकार का हिमाचल प्रदेश में कोई प्रोजैक्ट नहीं रहेगा।