शिमला जिले के रोहड़ू में वन रेंज टिक्कर के जंगल में कायल और देवदार के 74 पेड़ अवैध रूप से काटे
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रोहड़ू में वन रेंज टिक्कर के जंगल में कायल और देवदार के करीब 74 पेड़ अवैध रूप से काटने का मामला सामने आया है।
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रोहड़ू में वन रेंज टिक्कर के जंगल में कायल और देवदार के करीब 74 पेड़ अवैध रूप से काटने का मामला सामने आया है। पेड़ काटने के बाद कुछ तनों के ठूंठ को जलाने का प्रयास किया गया है। मामला सामने आने के बाद वनरक्षक, रेंज अफसर को सस्पेंड कर दिया गया है। दोनों टिक्कर में रेंज अफसर वहां का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे थे। पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद जंगल से देवदार और कायल के बड़ी मात्र में स्लीपर और कड़ियां बरामद हुई हैं।
वन विभाग के अधिकारियों को अवैध कटान की सूचना 19 अप्रैल को मिली थी। इसके बाद टीम ने जंगल में तलाशी ली तो कई जगह पेड़ कटे हुए मिले। अगले दिन पुलिस टीम के साथ जंगल में सर्च अभियान चलाया गया। अभी तक करीब 74 पेड़ों के कटान की पुष्टि हो चुकी है। अधिकांश पेड़ कायल के बताए जा रहे हैं। वन विभाग ने वन रक्षक और वन परिक्षेत्र अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है। जंगल में काटे गए पेड़ों के तने रातोंरात जलाए गए हैं। आरोप है कि जंगल में काम कर रहे कश्मीरी चिरानियों को भगा दिया गया है।
टिक्कर वन रेंज पहले से वन कटान के मामले में संवेदनशील रही है। पहले इस क्षेत्र से लकड़ी तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं। वर्ष 2015 में टिक्कर के समीप जंगल में एक ही स्थान के आसपास 52 पेड़ों के कटान का मामला सामने आया था। जांच के बाद इस क्षेत्र में लोगों के टीडी के अधिकार बंद कर दिए गए थे। वन रेंज टिक्कर में दो साल से स्थायी तौर पर रेंजर और बीओ की नियुक्ति नहीं हो पाई है। बीओ का कार्यभार वनरक्षक को सौंपा गया था। वन परिक्षेत्र अधिकारी को यहां का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।
मामले की जांच चल रही है। पुलिस के साथ सर्च अभियान में काफी लकड़ी बरामद हुई है। जांच में जुटे अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है। टिक्कर में वनरक्षक के पास बीओ का कार्यभार का पता चला है। रेंज अफसर भी काफी समय से एडिशनल चर्ज पर है। दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद भी पेड़ कटान के तथ्य सामने आ पाएगे।