हिमाचल प्रदेश के नजारों को देखना है तो टॉय ट्रेन का सफर होगा शानदार

अगर आपको बर्फ से ढके हुए पहाड़ और सुदूर स्थित खूबसूरत हिमालय के दर्शन करने हैं,

Update: 2022-06-17 14:50 GMT

अगर आपको बर्फ से ढके हुए पहाड़ और सुदूर स्थित खूबसूरत हिमालय के दर्शन करने हैं, तो हिमाचल प्रदेश स्थित चितकुल चले जाइये. यह गांव प्रकृति की गोद में बसा हुआ है और यहां के प्राकृतिक नजारे सैलानियों को हैरान कर देते हैं और उनके मन में लंबे वक्त तक बसे रहते हैं. अगर आपको सुबह उठते ही घने जंगलों के पार बर्फ से ढके हुए हिमालय के ऊपर बादलों को चलते हुए देखना है, और बहती हुई नदी एवं ऊपरे से गिरते हुए झरने का स्पर्श करना है, तो चितकुल से बढ़िया कोई टूरिस्ट प्लेस नहीं है. यह गांव भारत और तिब्बत के बॉर्डर पर बसा हुआ है और सैलानियों को हमेशा से ही आकर्षित करता है. सबसे खास बात है कि हिमाचल प्रदेश के इस गांव से आप उत्तराखंड में भी जा सकते हैं. यहां लकड़ी से बने हुए घरों को देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा. 

चितकुल जाकर आप यहां के शांत और सुकून से भरे हुए वातावरण में कुछ दिन बिता सकते हैं. यहां आप लंबा नेचर वॉक, ट्रैकिंग और कैंपिंग कर सकते हैं. सबसे खास बात है कि चितकुल में आपको बेहद खूबसूरत होटल भी सिर्फ 500 रुपये में मिल जाएंगे जिससे आपका ठहरने का ज्यादा खर्च भी नहीं आयेगा. ऐसे में आप अगर दिल्ली की भीषण गर्मी से बचना चाहते हैं, तो वीकएंड पर चितकुल में डेरा डाल सकते हैं और यहां की खूबसूरत जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं. Also Read - समुद्र तल से 1475 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है धर्मशाला हिल स्टेशन, देखिये यहां की प्राकृतिक खूबसूरती
चितकुल किन्नौर घाटी में स्थित भारत का आखिरी गांव है. किन्नौर को इसकी खूबसूरती के कारण धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है. चितकुल दक्षिण में उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल, पूर्व में पड़ोसी देश तिब्बत, उत्तर में स्पीति घाटी और पश्चिम में कुल्लू से घिरा हुआ है.
इस गांव की सीमा उत्तराखंड से महज 20 किमी की दूरी पर स्थित है. यह गांव सांगला घाटी से 28 किमी की दूरी पर है. चितकुल और सांगला घाटी के बीच का रास्ता रकछम गांव है. आप रकचम गांव से चितकुल तक ड्राइव कर जा सकते हैं. यह गांव अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, शांत वातावरण, विशाल घाटियां, दूर तक फैले पहाड़ एवं जंगल, झरनों और खूबसूरत नजारों के लिए प्रसिद्ध है. इस गांव से भारत और तिब्बत बॉर्डर महज 90 किमी की दूरी पर है. इस गांव से आगे जाने पर रोक है.


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