मनाली न्यूज़: हिमाचल पथ परिवहन निगम के पेंशनरों की बैठक कुल्लू में हुई. इस दौरान पेंशनरों ने अपनी मांगों पर चर्चा की. पेंशनधारियों ने कहा कि समय पर पेंशन नहीं मिलने और लंबित वित्तीय लाभ के कारण वे राज्य सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गये हैं. निगम के पेंशनधारकों का कहना है कि एचआरटीसी पिछले कई सालों से उन्हें हर महीने समय पर पेंशन नहीं दे रहा है. यहां तक कि पेंशनधारियों को अन्य वित्तीय लाभ का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है. ऐसे में घर चलाना भी मुश्किल हो गया है. जिंदगी के इस पड़ाव पर हम दवाइयों और अन्य खर्चों के लिए भी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। इसके अलावा उन्हें अन्य आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। पेंशनरों ने कहा कि इस मामले में सरकार से कई बार चर्चा की गयी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि अगर सरकार अब भी 15 दिनों के अंदर उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तो बुजुर्ग सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे. इसके अलावा एचआरटीसी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक सरकार ने कर्मचारियों को एरियर का भुगतान भी नहीं किया है. 2015 से डीए का बकाया लंबित है. अब तक संशोधित ग्रेच्युटी और संशोधित अवकाश भत्ता जैसे कई और भुगतान लंबित हैं.
पेंशनधारियों को सभी लंबित लाभ दिये जायें
हिमाचल प्रदेश सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच, कुल्लू एवं लाहौल-स्पीति के अध्यक्ष सुरेंद्र सूद का कहना है कि हर महीने पेंशन अलग-अलग तारीखों में आ रही है, जिससे परिवार के भरण-पोषण में दिक्कत आ रही है. उनकी मांग है कि पेंशन हर महीने की 1 तारीख को दी जाए. साथ ही सभी लंबित वित्तीय लाभ भी दिए जाएं। फिलहाल सरकार के पास पेंशनधारकों के 944 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं. जिसे सरकार देने में आनाकानी कर रही है। आज एचआरटीसी अपनी नीति के कारण घाटे में है। यदि सरकार ने पेंशनधारियों को समय पर पेंशन व लंबित वित्तीय लाभ नहीं दिया तो वे सड़कों पर उतरने को बाध्य होंगे.