हिमकेयर: हिमकेयर से मिल नहीं रहा कैशलेस इलाज, खर्च करने पड़ रहे पैसे

Update: 2023-10-08 08:52 GMT
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) चंडीगढ़ में भर्ती होने वाले मरीजों काे हिमकेयर कार्ड से कैशलेस लाभ नहीं मिल रहा है। हालात यह है कि उपचार करवाने के लिए मरीज के तीमारदारों को जेब से रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। ऑपरेशन से लेकर दवाओं के लिए भी हजारों रुपये देकर उपचार मिल रहा है। ऐसे में मरीजों को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है।
 हिमकेयर कार्ड का मौके पर कोई फायदा मरीज को नहीं मिल रहा है। पीजीआई के हिमकेयर कार्यालय में तीमारदार भी पहले उपचार करवाने की सलाह दी जाती है और बाद में सभी बिल जमा करवाने के लिए कहा जा रहा है। कई बार तीमारदारों को पहले उपचार के लिए एस्टिमेट लेना पड़ता है। इसके लिए भी तीमारदारों को धक्के खाने पड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस प्रकार की दिक्कत बीते छह माह से है। इससे पहले उपचार के साथ ही मरीज को हिमकेयर कार्ड का फायदा मिलना शुरू हो जाता था।
खास बात यह थी कि पांच लाख के इलाज के लिए मरीज को हिमकेयर कार्ड से पैसा खर्च करना पड़ता था। इन दिनों मरीजों को इसका सीधे तौर पर फायदा नहीं मिल पा रहा है। मरीज को छुट्टी मिलने के बाद जब तीमारदार खर्च वापस लेने के लिए बिल जमा करवाने जाते हैं तो पीजीआई के धक्के खाने पड़ते हैं। गौरतलब है कि प्रदेश से गंभीर मरीजों को पीजीआई रेफर किया जाता है। मरीज को हिमकेयर से उपचार करवाने में समस्या झेलनी पड़ रही है। इसका स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा है।
कर्मचारी भी करते हैं गुमराह
पीजीआई चंडीगढ़ के हिमकेयर कार्यालय में कर्मचारी तीमारदारों को कई बार गुमराह करते हैं। ऐसे में तीमारदार को काफी दिक्कत होती हैं। चंडीगढ़ में तैनात कर्मचारी सही प्रकार से मरीज के साथ गए तीमारदारों को सही प्रकार से जानकारी नहीं दी जाती। एक हस्ताक्षर के लिए तीमारदार को पूरा पीजीआई घूमना पड़ता है। इसके बाद तीमारदार बिल के पैसे वापस लेने के लिए हार मान जाते हैं।
पीजीआई चंडीगढ़ में तैनात कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे चिकित्सकों से मरीज के उपचार का पूर्व एस्टिमेट लें और तुरंत कागज बनाकर कार्यालय भेजें। उपचार के बाद बिल देने के मामले में भी कर्मचारी को मरीजों की सहायता के लिए कहा गया है। - देवेंद्र कुमार, को-ऑडिनेटर, हिमकेयर योजना।
Tags:    

Similar News

-->