रामपुर बुशहर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के अवंतीपोरा में आतंकी मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए रामपुर उपमंडल के किन्नू पंचायत के पिथवी गांव के पवन धंगल का उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पूर्व रामपुर उपमंडल में सड़कों पर जगह-जगह शहीद के अंतिम दर्शन के लिए भारी संख्या में लोग एकत्रित हुए थे। रामपुर में स्कूली बच्चों, कर्मचारी व ग्रामीणों ने शहीद को पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी और शहीद पवन धंगल अमर रहे के नारे लगाए। बता दें कि 26 वर्षीय शहीद पवन धंगल सेना की 55वीं आरआर ग्रेनेडियर्स में बतौर सिपाही तैनात थे। वहीं शहीद की पार्थिव देह जैसे ही घर पहुंची तो वहां का माहौल पूरी तरह से गमगीन हो गया। बेटे को तिरंगे में लिपटा देख परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। शहीद की मां भजनी देवी व बहन प्रतिभा ने उन्हें सैल्यूट कर अंतिम सलामी दी।
इस दौरान मौके पर मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम थीं। इसके बाद शहीद की पार्थिव देह को श्मशानघाट ले जाया गया। शहीद की अंतिम यात्रा में शरीक होने के लिए भारी संख्या में लोग उनके पैतृक गांव पहुंचे थे। वहीं श्मशानघाट सेना के जवानों ने अपने शहीद साथी को सलामी देकर अंतिम विदाई। इस दौरान माैके पर मौजूद लोगों ने शहीद पवन धंगल अमर रहे के नारों से आकाश को गुंजायमान कर दिया। शहीद के पिता शिशुपाल ने बताया उन्हें गर्व है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर मेरे और भी बेटे होते तो मैं उन्हें भी सेना में भेजने का प्रयास करता। मेराबेटा आज फौज में अपनी कुर्बानी देकर आया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने बच्चों को फौज में भेजो, हम तभी सुरक्षित हैं। वहीं शहीद के चाचा मस्तराम धंगल ने बताया हमारे भतीजे पवन धंगल ने देश के लिए कुर्बानी दी है। उन्हें अपने भतीजे की इस शहादत पर गर्व है।