जनता से रिश्ता वेबडेस्क : हिमाचल प्रदेश में सरकारी वकीलों के डीओ आधार पर तबादले नही होंगे। प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में यह व्यवस्था दी। कोर्ट ने कहा कि न्यायिक प्रणाली में सरकारी वकीलों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है, ऐसे में इनके तबादले डीओ या राजनीतिक सिफारिश के आधार पर नहीं होने चाहिए। एक एडीए के तबादले से जुड़े रिकॉर्ड देखने के पश्चात अदालत ने पाया कि अधिकतर सरकारी वकीलों के तबादले मंत्रियों, विधायको या फिर राजनेताओ की सिफारिश पर किए गए हैं। अदालत ने अपने 57 पृष्ठ के निर्णय में कहा कि लोक अभियोजक का उच्च सम्मान का एक वैधानिक पद है, जो कि जांच एजेंसी का पक्ष अदालत के समक्ष रखता है। यह एक स्वतंत्र वैधानिक अथॉरिटी है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश चंद्र भूषण बारोवालिया की खंडपीठ ने लोक अभियोजक तरसेम कुमार द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए ये आदेश पारित किए। कोर्ट मामले के सभी तथ्यों व पहलुओं का अवलोकन करने पर पाया कि याचिकाकर्ता और निजी प्रतिवादी दोनों ही राजनेताओं द्वारा जारी डीओ नोट के लाभार्थी हैं।