हिमाचल प्रदेश: मंकी पाक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग हुआ अलर्ट, एडवायजरी जारी

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Update: 2022-05-30 07:58 GMT

ऊना,  वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी के बाद कई देशों में इन दिनों मंकी पाक्स के मामले सामने आ रहे हैं। बेशक मंकी पाक्स का अभी भारत में कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों के माध्यम से जिलास्तर तक मंकी पाक्स को लेकर अलर्ट रहने के दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। इसके बाद ऊना में जिला स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। सीएमओ ने इसकी एडवाइजरी जिला के स्वास्थ्य खंडों तक चिकित्सा अधिकारियों को जारी कर दी है। इस एडवाइजरी में मंकी पाक्स के लक्षणों का उल्लेख भी किया गया है।


विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार मंकी पाक्स एक वायरल बीमारी है। इसमें बुखार, शरीर पर दाने, रैश और सूजे हुए लिंफ नोड्स आदि लक्षण शरीर पर आते हैं। इस वायरल से शरीर में कई प्रकार की कठिनाइयां आ सकती हैं। हालांकि स्वास्थ्य प्रबंधन इसे इतना घातक नहीं मान रहा।

कैसे फैलता है मंकी पाक्स

मंकी पाक्स जानवरों, पशु से मनुष्यों के साथ-साथ मानव से मानव में फैल सकता है। कोविड-19 की तरह यह भी श्वसन या श्लेश्मा झिल्ली (आंखों) नाक या मुंह के माध्यम से एक-दूसरे में प्रवेश करता है, जबकि शरीर के तरल पदार्थ या घाव सामग्री के सीधे संपर्क व संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़ों आदि के प्रयोग से भी एक से दूसरे में जा सकता है। हालांकि अभी तक मंकी पाक्स के मामले यूके, यूएसए, यूरोप, आस्ट्रेलिया और कनाडा में सामने आए हैं जिनमें कोई मौत अभी तक नहीं हुई है।

ये हैं दिशा निर्देश

सीएमओ डाक्‍टर मंजू बहल ने बताया किसी भी मरीज में अगर फीवर, रैश, गांठें शरीर पर कहीं भी बन जाती हैं तो उसे तत्काल आइसोलेट कर जांच के बाद लक्षणों का उपचार देने को कहा गया है। अगर मंकी पाक्स का कोई मामला आता है तो इसकी रोकथाम के लिए गाइडलाइन अनुसार स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करेगा।


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