हिमाचल प्रदेश: मंडी विश्वविद्यालय में शामिल होने वाले कॉलेजों के नाम करेगी सरकार तय
हिमाचल प्रदेश के दूसरे राज्य विश्वविद्यालय मंडी में शामिल किए जाने वाले कॉलेजों के नाम सरकार तय करेगी।
हिमाचल प्रदेश के दूसरे राज्य विश्वविद्यालय मंडी में शामिल किए जाने वाले कॉलेजों के नाम सरकार तय करेगी। विधायकों से पूछकर इस बाबत फैसला नहीं होगा। सरकार ने विधेयक में विधायकों को इसका अधिकार नहीं दिया है। विधानसभा सचिवालय से शिक्षा विभाग के माध्यम से विधेयक विधि विभाग को भेज दिया गया है। शनिवार को विधि विभाग के अधिकारी विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी को भेजेंगे।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी (स्थापना और विनियमन) विधेयक 2021 बीते दिनों विधानसभा में पारित हो गया है। शिमला विश्वविद्यालय से कॉलेजों को निकालकर अब मंडी विश्वविद्यालय में शामिल किया जाना है। सरकार के लिए यह राह आसान नहीं रहने वाली है। माकपा विधायक राकेश सिंघा ने विधानसभा सदन में विधायकों से पूछ कर कॉलेजों को शिमला विश्वविद्यालय से बाहर करने का अधिकार देने की मांग की थी। इसे मंजूरी नहीं मिल सकी। अब आने वाले दिनों में सरकार स्वयं तय करेगी कि कौन-कौन से जिलों के कॉलेज मंडी विश्वविद्यालय में शामिल होंगे।
उधर, नए राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आरंभिक स्तर पर दस करोड़ रुपये की राशि अपेक्षित होगी। भविष्य में इसके लिए राजकोष से प्रतिवर्ष 75 से 100 करोड़ रुपये की अभिवृद्धि होने की संभावना है। शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने सदन में विधेयक पेश करते हुए कहा था कि उच्चतर शिक्षा के लिए छात्रों के प्रवेश में वृद्धि करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रदेश में एक और राज्य विश्वविद्यालय का खोला जाना अत्यधिक जरूरी है। विधेयक कुलाधिपति, कुलपति, प्रतिकुलपति, रजिस्ट्रार, शिक्षकों और विवि के कार्यकरण के लिए अपेक्षित अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति के प्रयोजन उपबंध करता है।