हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला: चार्जशीट हुई दाखिल, 91 आरोपियों पर चलेगा मुकदमा
सिटी क्राइम न्यूज़: हिमाचल के बहुचर्चित पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में विशेष जांच दल (एसआइटी) ने पहली चार्जशीट कांगड़ा की एक अदालत में दाखिल की है। अब 91 आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में केस चलेगा। इनमें 20 मध्यस्थ, 70 अभ्यर्थी और एक अभिभावक शामिल है। डीजीपी संजय कुंडू ने चार्जशीट दाखिल करने की पुष्टि की है। पुलिस भर्ती के लिए दोबारा पेपर होने से एक दिन पहले जांच टीम ने यह चार्जशीट दाखिल की है। डीजीपी ने शिमला में प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया था कि सप्ताह के भीतर मुख्य चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जाएगी। इसके आधार पर ही शनिवार को एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कांगड़ा की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है। पेपर लीक मामले में तीन जगह मामले दर्ज किए गए थे। गगल के अलावा सोलन और शिमला के सीआइडी थाने में भी मामला दर्ज है। अब जल्द दो और सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
सीबीआइ जांच की सिफारिश: प्रदेश सरकार मई में पेपर लीक मामले की सीबीआइ जांच की सिफारिश कर चुकी है लेकिन अभी तक सीबीआइ ने सिफारिश को स्वीकार नहीं किया है। अब जबकि पहली चार्जशीट कोर्ट में दाखिल हो गई है तो सीबीआइ जांच के आसार बहुत कम नजर आ रहे हैं।
आज होगी लिखित परीक्षा: रविवार को प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल के 1334 पदों के लिए दोबारा लिखित परीक्षा होगी। परीक्षा से एक दिन पहले एसआइटी ने मुख्य चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है। इससे जाहिर है कि अब अगली जांच भी पुलिस ही करेगी। अब तक एसआइटी ने 10 से अधिक राज्यों में जांच की है और 171 आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
डीजीपी का ट्वीट: डीजीपी संजय कुंडू ने ट््वीट किया है और इसके अनुसार 91 आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है। आरोपितों में 20 मिडिल मैन, एक अभिभावक और 70 अभ्यर्थी शामिल हैं। कुंडू जांच में एसआइटी की पीठ थपथपा चुके हैं।
पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में: पेपर लीक मामले में पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। सेंट्रल रेंज मंडी के डीआइजी मधुसूदन एवं एसआइटी प्रमुख पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से इन्कार नहीं करते हैं। लेकिन अब तक की जांच में इनकी संलिप्तता खुले तौर पर सामने नहीं आई है। जब मामला विवाद में आया तो सरकार ने राज्य पुलिस भर्ती बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष एवं आइजी एपीटी जेपी सिंह का तबादला कर दिया था। चुनाव होने के कारण विपक्ष ने इस मुद्दे उठाया लेकिन सरकार ने जैसे ही सीबीआइ जांच की सिफारिश की तो विपक्ष के सुर बदलने लगे।