हजार करोड़ के ओवरड्राफ्ट में हिमाचल
उद्योग मंत्री: लोन के 800 करोड़ आज आएंगे खजाने में
हिमाचल | बी | उद्योग मंत्री ने कहा कि हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से बात की थी, लेकिन अभी तक भारत सरकार से कोई राहत नहीं मिली है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने केंद्र पर आरोप लगाया था कि लोन की लिमिट को 14500 करोड़ से 5500 करोड़ रुपए कम कर दिया गया है। इसमें 1780 करोड़ का एक हिस्सा पिछले वित्त वर्ष में जमा करवाए गए एनपीएस कंट्रीब्यूशन का है, जिसके बदले राज्य सरकार को लोन मिल रहा था। इसकी मंजूरी भी भारत सरकार नहीं दे रही। इसकी वजह अब ओल्ड पेंशन को लागू करने के फैसले को माना जा रहा है।
नए वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही राज्य सरकार को 800 करोड़ लोन लेने को मजबूर होना पड़ा था। यह पैसा बुधवार को खाते में आएगा।कैबिनेट ने मंगलवार को हुई बैठक में पावर डिवेलपर्ज से राज्य में विभिन्न ऊर्जा परियोजनाओं पर जल उपकर लगाने के बारे में चर्चा के लिए सचिवए ऊर्जा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने का निर्णय लिया।
जल शक्ति विभाग, वित्त विभाग और विधि विभाग के प्रतिनिधि इस कमेटी में सदस्य होंगे। यह कमेटी 15 दिन के भीतर राज्य सरकार को रिपोर्ट देगी और यह भी बताएगी कि इस वाटर सेस में कितनी रेशनलाइजेशन की जा सकती है। अभी तक राज्य सरकार के पास 122 ऊर्जा कंपनियों ने पंजीकरण करवा लिया है, लेकिन 31 कंपनियां इस फैसले के विरोध में उतरी हैं। वाटर सेस कमीशन को काम करने के लिए स्टाफ भी कैबिनेट ने दे दिया है। कमीशन में सात पद फिक्स्ड सैलरी के आधार पर भरे जाएंगे।