शिमला। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य के कार्यालयों में कर्मचारियों की हाजिरी के लिए बायोमेट्रिक्स का फिर से इस्तेमाल शुरू करने में विफल रहने पर प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए बुधवार को कहा कि यह अब भी "नींद में प्रतीत होती है"। पीठ ने राज्य के इस व्यवस्था को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने के लिए सभी विभागों और उपक्रमों को निर्देश जारी करने का मुख्य सचिव को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने उस निष्पादन याचिका पर आदेश पारित किया, जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति का विवरण मांगा गया था।
अदालत ने शिक्षा विभाग को सुबह 10.05 बजे तक विवरण जमा करने का निर्देश दिया था, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहा। पीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि हालांकि केंद्र ने अपने सभी मंत्रालयों, उपक्रमों और राज्य सरकारों को कार्यालयों में बायोमेट्रिक प्रणाली को फिर से सक्रिय करने का निर्देश दिया है, लेकिन हिमाचल सरकार अब भी नींद में है। पीठ ने कहा कि कई राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक्स पर अपनी उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है, लेकिन हिमाचल प्रदेश के मामले में ऐसा नहीं हुआ है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तारीख मुकर्रर की गयी है।