National Highway पर दरकी पहाड़ी, लोगों में मची भगदड़

Update: 2024-06-25 18:15 GMT
Himachal Pradeshहिमाचल प्रदेश: पांवटा साहिब फेडीज राष्ट्रीय उच्च मार्ग-707 शिलाई के समीप लोहराह मोड़ पर पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा दरकने से अवरुद्ध हो गया है। यह एनएच उस समय अवरुद्ध हुआ जब कार्य कर रही एक निजी कंपनी ने मार्ग के अंदरूनी किनारे में पत्थर निकलने के लिए गहरी कटिंग कर डाली। पत्थर निकलते समय पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा नीचे आ गिरा जिससे मार्ग बंद हो गया तथा पहाड़ी के ऊपर लोगों की निजी भूमि
भूस्खलन
से नष्ट हो गई। भूखंड के इस मलबे में बड़ी-बड़ी चट्टानों से सड़क भर गई हैं, वहीं बड़ी-बड़ी चट्टानें नीचे घासनियों में पहुंच गई हैं।
इसके बाद 22 घंटों से दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई हैं। आने-जाने वाले यात्री बसों के रूट प्रभावित होने के चलते पैदल ही अपने गंतव्य की ओर बढ़ने को मजबूर हुए हैं। वहीं नकदी फसल टमाटर से भरी गाड़ियां MONDAY रात से मौके पर फंसी हुई हैं। सड़क जल्द नहीं खुलती तो किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो सकता है। ऐसे में लोगों ने प्रशासन से जल्द मार्ग बहाल करने की मांग की है।
Villagers का आरोप है कि अवैज्ञानिक ढंग से हो रहे इस कार्य से एनएच -707 अवरुद्ध हों गया है। वहीं सड़क के ऊपर तथा नीचे लोगों की जमीन, पेयजल पाइप लाइन, सिंचाई कुहल नष्ट हो गई हैं, कंपनी के इस कार्य से लोगों में रोष हैं। यहां से एंबुलेंस को भी वाया मिनस-विकासनगर होते हुए 100 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी से भेजा जा रहा है। मार्ग बंद होने से शिलाई, रोहनाट, नेनीधार, चौपाल रोहड़ू आदि की 60 पंचायतों का संपर्क अन्य जगहों से टूट गया हैं। क्षेत्रवासी कपिल कुमार, इंद्र सिंह, गुमान सिंह, भगवान सिंह, जीत सिंह, राम सिंह का कहना हैं कि कंपनी की लापरवाही से मार्ग बंद हुआ हैं, तथा सड़क पर काम कर रही
COMPANY
की हालत ऐसी है कि बार-बार मांग करने पर भी 15 घंटे के बाद मशीन नहीं लगाई गई। क्षेत्र के लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि कंपनी का यही रवैया रहा तो ग्रामीण संघर्ष का रास्ता अपनाएंगे।
उधर इस संबंध में कंपनी के परियोजना प्रबंधक जगन कुमार ने बताया कि वह इस बारे में कोई बात नहीं करेंगे। वहीं, एसडीएम शिलाई सुरेंद्र मोहन ने बताया कि उन्होंने एनएच के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए हैं कि जल्द ही मार्ग को बहाल किया जाए तथा जो भी लोगों का निजी नुकसान हुआ है वह भरपाई करें तथा मलबा डंपिंग साइट में ही डालें। यदि लापरवाही की जाती हैं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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