हाईकोर्ट ने मेडिकल काॅलेजों में बिना सहमति के चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति पर लगाई रोक

Update: 2023-07-13 09:30 GMT
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने मेडिकल काॅलेजों में बिना सहमति के चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने प्रतिनियुक्ति योजना को चुनौती देने वाली याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात 4 प्रार्थियों को डैपुटेशन पर भेजने पर यह रोक लगाई है। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव सहित चिकित्सा शिक्षा के निदेशक और टांडा मेडिकल काॅलेज के प्रधानाचार्य को नोटिस जारी कर जवाब भी तलब किया है। मामले की सुनवाई 24 अगस्त को निर्धारित की गई है। डाॅ. अमित गुप्ता और अन्यों ने सरकार की प्रतिनियुक्ति योजना को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी है। मामले की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने पाया कि प्रार्थी कमल सिंह, ममता महाजन, मीनाक्षी वर्मा और विक्रांत चौहान की प्रतिनियुक्ति उनकी सहमति के बगैर की गई है, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विपरीत है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार की ओर से टांडा मेडिकल काॅलेज और इंदिरा गांधी मेडिकल काॅलेज शिमला में कार्यरत चिकित्सकों को प्रतिनियुक्ति आधार पर नए मेडिकल काॅलेजों में तैनात किया जा रहा है। इसके लिए चिकित्सकों से न तो कोई सहमति ली जा रही है और न ही प्रतिनियुक्ति से खाली पड़े पदों को भरा जा रहा है।
याचिका के माध्यम से कोर्ट को बताया गया कि 7 जून 2008 को राज्य सरकार ने टांडा मेडिकल काॅलेज और इंदिरा गांधी मेडिकल काॅलेज शिमला के शैक्षणिक कैडर को अलग-अलग किया था। याचिकाकर्ता टांडा मेडिकल काॅलेज के शैक्षणिक कैडर में समायोजित हो गए। उसके बाद 17 नवम्बर 2018 को राज्य सरकार ने 4 नए मेडिकल काॅलेज खोले। सरकार ने इन काॅलेजों में शैक्षणिक कैडर के पदों को भरने के लिए योजना बनाई कि जब तक इन पदों को नियमित तौर पर नहीं भरा जाता है, तब तक टांडा मेडिकल काॅलेज और इंदिरा गांधी मेडिकल काॅलेज शिमला में कार्यरत चिकित्सकों को डैपुटेशन पर नए मेडिकल काॅलेजों में भेजा जाए। कोर्ट को बताया गया कि इससे पहले 5 मई 2022 को भी प्रतिनियुक्ति आधार पर किए गए तबादला आदेशों को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी। उस समय राज्य सरकार ने चम्बा मेडिकल काॅलेज में विभिन्न पदों को भरने के लिए टांडा मेडिकल काॅलेज से प्रतिनियुक्ति आधार पर स्थानांतरण किया था। कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार के आश्वासन के बाद इस याचिका को बंद कर दिया गया था। सरकार ने आश्वासन दिया था कि प्रतिनियुक्ति सिर्फ नियमित भर्ती होने तक ही सीमित रहेगी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इसके बावजूद राज्य सरकार ने 9 जून 2023 को दोबारा से चम्बा मेडिकल काॅलेज में प्रतिनियुक्ति के आदेश पारित कर दिए। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि राज्य सरकार की प्रतिनियुक्ति योजना को रद्द किया जाए।
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