शिमला में पानी का भारी संकट, कई इलाकों में 4 दिन के बाद मिला पानी
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'पहाड़ों की रानी' कहे जाने वाले और हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पानी का भारी संकट पैदा हो गया है. शहर के कई इलाकों में चार दिनों के बाद पानी मिल रहा है. ऐसे में लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शहर के मौजूदा हालात देखकर लोगों को साल 2018 का वह मंजर याद आ रहा है, जब पानी की हर एक बूंद के लिए मोहताज होना पड़ा था.
शहर में पानी की भारी कमी को देखते हुए लोग नगर निगम प्रशासन की किरकिरी करते नजर आ रहे हैं. इसको लेकर मंगलवार को समाज सेवक रवि कुमार की अगुवाई में कुछ लोगों ने शिमला नगर निगम महापौर के दफ्तर के बाहर धरना दिया. ये लोग नगर निगम महापौर के कार्यालय के बाहर विरोधस्वरूप खाली घड़ा और गिलास लेकर पहुंचे थे.
इस दौरान समाजसेवी रवि कुमार ने कहा कि पूरा शहर पानी के संकट से जूझ रहा है. ऐसी स्थिति में भी नगर निगम प्रशासन घरों में छुट्टी मना रहे हैं. यह लोगों की समस्या के प्रति नगर निगम प्रशासन की लापरवाही है. आज नगर निगम दफ्तर के बाहर एक घड़ा पानी लेने पहुंचे, लेकिन यहां कोई अधिकारी या प्रतिनिधि नहीं मिला. उन्होंने सरकार और नगर निगम प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए सभी लोगों को पानी उपलब्ध कराने की बात कही है. अगर 24 घंटे में शहर के लोगों को पानी की सुविधा नहीं मिलती है, तो वे यही घड़ा लेकर शिमला के विधायक और प्रदेश सरकार में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज के घर के बाहर प्रदर्शन करेंगे.
वहीं, समाजसेवी बुद्धि राम जस्टा ने कहा कि जल शक्ति विभाग की ओर से शिमला शहर को 40 एमएलडी पानी रोजाना मिल रहा है, लेकिन इसके बावजूद शहर के लोगों को पानी उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है. उन्होंने अफसरों से सवाल पूछा कि आखिर इतना पानी कहां जा रहा है. कहने के लिए तो शिमला स्मार्ट सिटी है, लेकिन स्मार्ट सिटी के लोग आज पानी से महरूम हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द लोगों को पानी उपलब्ध करवाने का काम किया जाए.