हिमाचल के राजगढ़ में 52 घंटे से झमाझम बारिश, संपर्क मार्ग तहस-नहस

जगह-जगह भू-स्खलन और पेड़ गिरने के कारण सडक़ें बंद

Update: 2023-08-15 07:29 GMT

 राजगढ़: राजगढ़ व इसके आसपास के क्षेत्रों में पिछले लगभग 52 घंटों से लगातार मूसलाधार वर्षा हो रही है, जिसके कारण अब आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है और लोग घरों से बाहर भी नहीं निकल पा रहे हैं। भारी बारिश के कारण भू-स्खलन व पेड़ गिरने से सडक़ मार्ग जगह-जगह पर बंद हो गए हैं। सोलन-राजगढ़ मार्ग पेड़ गिरने के कारण मटनाली के पास बंद हो गया। इसी तरह सनौरा-नेरीपुल मुख्य सडक़ मार्ग बगेडऩा के पास भारी भू-स्खलन के कारण बंद हो गया। राजगढ़-नौहराधार सडक़ मार्ग शलाना व छिछडिय़ा के पास भारी भू-स्खलन के कारण बंद हो गई थी। नेरीपुल-पुलबाहल सडक़ मार्ग ज्ञानकोट में भू-स्खलन के कारण बड़े वाहनों के लिए बंद पड़ा है। इस सडक़ मार्ग पर केवल छोटे वाहनों का आवागमन हो पा रहा है, जिसके कारण सभी सडक़ मार्गों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई और यात्री अपने-अपने गंतव्य तक समय पर नहीं पहुंच पाए। सबसे अधिक परेशानी सनौरा-नेरीपुल सडक़ पर आम जनता को उठानी पड़ी, क्योंकि इसी सडक़ मार्ग से शिमला जिले से सेब से लदे माल वाहन देश की विभिन्न मंडियों को जाते हैं और इन दिनों सेब का सीजन अपने यौवन पर है। ऐसे में इस सडक़ पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई, जिस स्थान पर भू-स्खलन हुआ उस स्थान पर उपर से लगातार मलबा गिरने के कारण सडक़ मार्ग को खोलने का कार्य भी सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा था, जिसके कारण सडक़ समय रहते नहीं खुल पाई।

लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता राम सिंह ठाकुर के अनुसार सभी सडक़ मार्गों पर सहायक अभियंता व कनिष्ठ अभियंता जेसीबी मशीनें लेकर तैनात हैं। सडक़ मार्गों को खोलने का कार्य युद्व स्तर पर चल रहा है। कुछ स्थानों पर लगातार मलबा गिरने के कारण सडक़ मार्ग को खोलने में परेशानी आ रही है। लगभग सभी सडक़ों को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। एसडीएम राजगढ़ राजकुमार ठाकुर ने क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि मौसम विभाग की भविष्यवाणी को देखते हुए लोग आवश्यकता पडऩे पर ही घरों से बाहर निकलें। नदी-नालों व भू-स्खलन वाले क्षेत्रों से दूर रहें। किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय जल्द से जल्द प्रशासन को सूचित करें। उधर लगातार बारिश से यहां टमाटर, शिमला मिर्च, फ्रांसबीन, फूल गोभी, बंद गोभी की फसलों के खराब होने का डर किसानों को सता रहा है। क्षेत्र के नदी-नाले जिसमें गिरि नदी, पताल नदी, नौहरा खड्ड, धाली खड्ड, बझेतू खड्ड व पैरवी नदी उफान पर है।

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