स्वास्थ्य विभाग टीबी मुक्त जिला के लिए हर व्यस्क पंजीकृत को लगायेगा बीसीजी का टीका

Update: 2024-04-21 06:12 GMT

मंडी: जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी स्वास्थ्य विभागों में 60 प्रतिशत बीसीजी टीकाकरण पूरा कर लिया है। कई ब्लॉक डिवीजनों में यह बात सामने आ रही है कि बीसीजी टीकाकरण के लिए पंजीकरण कराने के बाद जागरुकता के अभाव में पात्र वयस्क इससे पीछे हट रहे हैं। जिले में 48 हजार वयस्कों को बीसीजी का टीका लगाया जाना है. स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जिले में 60 फीसदी बीसीजी टीकाकरण हो चुका है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जो वयस्क बीसीजी टीकाकरण के लिए पात्र हैं और नामांकित हैं, उन्हें किसी भी स्थिति में बीसीजी का टीका लगाया जाएगा। इसके लिए अब आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को जागृत करेंगी। बीसीजी टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से पात्र व्यक्तियों की सूची तैयार की गई है, जिन्हें उनकी सहमति के बाद यह खुराक दी जा रही है. इनमें पांच साल से कम उम्र के टीबी मरीज, उनके संपर्क में आने वाले लोग, साठ साल से अधिक उम्र के लोग, बहुत पतले लोग (कुपोषित), धूम्रपान करने वाले और मधुमेह से पीड़ित लोग शामिल हैं।

बता दें कि 23 मार्च 2024 को हुई स्वास्थ्य विभाग की बैठक में बताया गया था कि जिले में 8228 वयस्कों को यह खुराक दी गई है. क्षय रोग मुक्त हिमाचल प्रदेश कार्यक्रम के तहत वयस्कों के लिए बीसीजी टीकाकरण अभियान का शुभारंभ स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. गोपाल बेरी ने किया। पहला टीका डाॅ. रवीन्द्र, राज्य कार्यक्रम अधिकारी (क्षय रोग उन्मूलन) दिया गया।

जिले में 60 फीसदी बीसीजी टीकाकरण हो चुका है. जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए टीकाकरण से बाहर निकलने वाले योग्य वयस्कों को टीका लगाया जाना चाहिए। आशा कार्यकर्ता फिर से पात्र वयस्कों को बीसीजी टीकाकरण के बारे में जागरूक करेंगी।

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