टोल टैक्स से सरकार हर साल जुटा रही 100 करोड़ रुपए का राजस्व : जयराम
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शिमला। तिवर्ष टोल टैक्स से सरकार लगभग 100 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रहित करती है। इसका उपयोग राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विकासात्मक योजनाओं में किया जाता है। वर्तमान में सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1 अप्रैल, 2022 से 31 मार्च, 2023 तक टोल यूनिटों का आबंटन नीलामी प्रक्रिया द्वारा 109 करोड़ रुपए में किया गया है। नियम-62 के तहत इंदौरा की विधायक रीता देवी द्वारा उठाए गए मामले के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को सदन में ये बात कही। इससे पहले सदन में सदस्य रीता देवी ने मामला उठाते हुए कहा कि शिव भक्तों की आस्था को मद्देनजर रखते हुए कहा कि क्या काठगढ़ मंदिर के समीप स्थित टोल टैक्स बैरियर को 200 मीटर स्थानांतरित किया जा सकता है?
इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि उक्त टोल टैक्स बैरियर को 200 मीटर स्थानांतरित किया जाता है तब भी पंजाब से काठगढ़ शिव मंदिर की ओर आने वाले वाहनों को टोल टैक्स बैरियर से गुजर कर ही जाना पड़ेगा तथा यह कंदरोड़ी स्थित टोल बैरियर के संग्रह पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इसके अतिरिक्त राज्य के अन्य भागों के धार्मिक तथा अन्य महत्वपूर्ण स्थलों से भी इसी तरह के प्रतिवेदन प्राप्त होंगे, जिसके फलस्वरूप टोल लाइसैंस धारक मुआवजे की मांग करेंगे तथा इससे कानूनी पेचीदगी की भी संभावना है। इसके अतिरिक्त टोल टैक्स के भुगतान में छूट से वर्ष के लक्षित राजस्व की भी हानि होगी, ऐसे में इस टोल टैक्स बैरियर पर सरकारी राजस्व में प्रकार की छूट देना अथवा बैरियर को स्थानांतरित करना व्यापक जनहित में नहीं है।
राज्य में 55 टोल बैरियर स्थापित
मुख्यमंत्री ने कहा कि टोल नीति में दिए गए प्रावधानानुसार टोल टैक्स का संग्रहण किया जाता है। वर्तमान में राज्य में कुल 55 टोल बैरियर स्थापित किए गए हैं। वर्ष 2018 से राज्य में मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत हल्के वाहनों को टोल टैक्स की अदायगी से छूट प्रदान की है। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश में किसी भी टोल बैरियर के 5 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले दैनिक यात्रियों के लिए तिमाही और वार्षिक टोकन का भी प्रावधान किया गया है।