एमसी पार्क से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक निकाली रोष रैली

Update: 2023-08-10 07:24 GMT

ऊना: सीटू के बैनर तले विभिन्न मजदूर संगठनों के कामगारों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। कामगारों ने एमसी पार्क ऊना से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक रोष रैली निकाली। जिसमें केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नोरबाजी की। इसके उपरांत उपायुक्त राघव शर्मा के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया। जिसमें कामगारों की मांगों को उठाया गया। रोष प्रदर्शन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिड-डे-मील, एनएचएम सहित अन्य कामगार उपस्थित थे।

सीटू के जिला सचिव गुरनाम सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार मजदूर, कर्मचारी, किसान विरोधी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले संघर्ष और कुर्बानियां देकर कानून बनाए गए थे, जिनको मोदी सरकार ने 44 श्रम कानूनों को मजदूर विरोधी चार संहिताओं (लेबर कोड) में बदल दिया गया। उन्होंने कहा कि ये चारो कोड पूरी तरह से पंूजीपतियों को लाभ देने के लिए बनाए गए है। इस अवसर पर मिड-डे-मील वर्कर्ज यूनियन जिला प्रधान बलविंद्र कौर, सीटू जिला प्रधान सुरेंद्र कुमार, कुशल कुमार, अनुराधा, चनन सिंह, कविता देवी, प्रेमलता, सिम्मी, आशा देवी, पूनम देवी, पूनम, रजनी बाला, नीलम कुमारी, गंगा देवी मौजूद रहे। -एचडीएम

ये रखी मुख्य मांगें

गुरनाम सिंह ने कहा कि श्रम कानूनो को खत्म करके चार श्रम संहिताओं को रदद किया जाए। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की सुविधा दी जाए। स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशे लागू की जाए। वर्तमान जीवनयापन सूचकांक के आधार पर राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए प्रतिमाह घोषित किया जाए। सरकारी कांट्रेक्ट, पार्ट टाईम, मल्टी पर्पज, मल्टी टास्क, टेंपरेरी, कैजुएल, फिक्स टर्म, ठेकेदारी प्रथा व आउटसोर्स को खत्म कर मजदूरों व कर्मचारियों को स्थाई रोजगार दिया जाए। बैंक, बीमा, बीएसएनएल, पोस्टल, रक्षा, बिजली, रेलवे, कोयला, बंदरगाहों, एनटीपीसी, एमजेवीएनएल, बीएचईएल, एनएचपीसी, शिक्षा, स्वास्यि आदि सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों का विनिवेश व निजीकरण बंद किया जाए। महंगाई को रोकने के लिए कदम उठाए जाएं। डिपुओं में राशन व्यवस्था को मजबूत करें।

मोदी सरकार पूरी तरह कर्मचारी विरोधी

ऊना। कामगारों ने अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर दी है। बुधवार को कामगारों ने इंटक व एटक के बैनर तले ऊना मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन की अगुवाई राष्ट्रीय इंटक के संगठन सचिव कामरेड जगतराम शर्मा व ऐटक से कामरेड करनैल सिंह ने किया। विरोध प्रदर्शन में मल्टी टास्क वर्कर, कामगार उपस्थित रहे। इस मौके पर एमसी पार्क से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक रोष रैली भी निकाली गई। इसके बाद उपायुक्त के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को 18 सूत्रीय मांग पत्र भी प्रेषित किया गया। कामरेड जगत राम शर्मा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कर्मचारी व कामगार विरोधी है। मोदी सरकार सिर्फ पूंजीपतियों को लाभ पहुंचा रही है, जबकि कामगारों का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब अपने शोषण को लेकर कामगार, किसान, मजदूर, कर्मचारी व छोटे व्यापारी मोदी सरकार का विरोध करने लगे है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा निजीकरण किया जा रहा है, जोकि कर्मचारियों के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 44 श्रम कानूनों को जल्द वापस लें।

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