हमीरपुर में राष्ट्रीय परिसंवाद के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों को समाज में मिलेगा नाम

भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में राष्ट्रीय परिदृश्य में समाज के सामने न आने वाले स्वतंत्रता सेनानियों (Freedom fighters from Himachal) को पहचान दिलाने के लिए ठाकुर जगदेव चंद स्मृति शोध संस्थान नेरी (Thakur Jagdev Chand Research Institute) ने एक पहल शुरू की है.

Update: 2021-11-26 10:57 GMT

जनता से रिश्ता। भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में राष्ट्रीय परिदृश्य में समाज के सामने न आने वाले स्वतंत्रता सेनानियों (Freedom fighters from Himachal) को पहचान दिलाने के लिए ठाकुर जगदेव चंद स्मृति शोध संस्थान नेरी (Thakur Jagdev Chand Research Institute) ने एक पहल शुरू की है. इस ध्येयप को लेकर शोध संस्थान ने स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अंतर्गत आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mohotsav in himachal) पर दो दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद का (National symposium in Hamirpur) आयोजन 4-5 दिसंबर को करने का निर्णय लिया है. इस दौरान तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया जाएगा. प्रथम संस्करण में इन पुस्तकों में 32 स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों का उल्लेख होगा. भारतीय स्वाधीनता आंदोलन (Indian Independence Movement) वृतान्त, स्मृतियां एवं नेपथ्य नायक' विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय परिसंवाद में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उतर प्रदेश, हैदराबाद, जम्मू सिक्किम व दक्षिण भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों व शोध केन्द्रों के लगभग 150 से अधिक शोधार्थी, विद्यार्थी व विद्वान शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे.

राष्ट्रीय परिसंवाद की जानकारी देते हुए शोध संस्थान के निदेशक डॉ. चेतराम गर्ग ने बताया कि राष्ट्रीय परिसंवाद का विषय 'भारतीय स्वाधीनता आंदोलन: वृतान्त, स्मृतियां एवं नेपथ्य नायक है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय परिसंवाद में हम हिमाचल प्रदेश का स्वाधीनता संग्राम (Freedom Struggle of Himachal) में वैचारिक एवं भौतिक योगदान पर विचार करने के लिए अभिप्रेरित है तथा इसके प्रसार एवं अनुसन्धान नए रास्ते खोलने को लेकर भी प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि संस्थान ने भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में राष्ट्रीय परिदृश्य में समाज के सामने नहीं आ पाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को पहचान दिलाने की कोशिश की है . उन्होंने कहा कि संवाद के दौरान राष्ट्रीय स्तर के विद्वानों के द्वारा किए गए शोध पर मंथन किया जाएगा. वहीं, परिसंवाद के सह संयोजक डॉ. राकेश शर्मा ने बताया कि इस राष्ट्रीय परिसंवाद समारोह में उद्घाटन सत्र के मुख्यातिथि राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Chief Guest Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) होंगे. जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध पुरातत्वविद प्रोफेसर बसंत शिंदे पूर्व कुलपति दक्कन विश्वविद्यालय पुणे महाराष्ट्र (Deccan University Pune Maharashtra) करेंगे.
उन्होंने कहा कि देशभर से आए विद्वानों के साथ तीन दिनों तक वे शोध संस्थान में रहेंगे. परिसंवाद का मुख्य व्यक्तव्य प्रो. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री सलाहकार संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं पूर्व कुलपति केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश (Central University of Himachal) का रहेगा. उन्होंने बताया कि समापन समारोह में मुख्य अतिथि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल (Former Chief Minister Prof. Prem Kumar Dhumal) रहेंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. कुमार रत्नम सदस्य सचिव भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद नई दिल्ली करेंगे.


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