100 करोड़ से अधिक की दवा के अवैध बिक्री मामले में मुख्य आरोपी, दिनेश बंसल की लिखाई के नमूने जांच के लिए फोरेंसिक लैब जुन्गा भेजे

अभी इस मामले की तह तक पहुंचा जा रहा है। कुछ और संदिग्ध आरोपियों से भी पूछताछ हो सकती है

Update: 2022-02-13 09:56 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिस्ता वेबडेस्क: सीआईडी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने 100 करोड़ से अधिक की दवा के अवैध बिक्री मामले में मुख्य आरोपी जैनेट कंपनी के मालिक दिनेश बंसल की लिखाई के नमूने जांच के लिए फोरेंसिक लैब जुन्गा भेजे हैं। कुछ कागजात शिमला स्थित केंद्रीय परीक्षक प्रश्नास्पद प्रलेख की प्रयोगशाला में भी जांच के लिए भेजने की तैयारी हैं। यह शिमला की वही लैब है, जहां चारा घोटाले से संबंधित दस्तावेजों की जांच की गई थी।

अभी इस मामले की तह तक पहुंचा जा रहा है। कुछ और संदिग्ध आरोपियों से भी पूछताछ हो सकती है। कंपनी और मालिक की वित्तीय जांच और तेज हो गई है। संपत्ति अटैच करने के लिए यह मामला प्रवर्तन निदेशालय को भी सौंपने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों से मालूम हुआ है कि कंपनी के कर्मचारियों ने पूछताछ में पूरे मामले की सच्चाई उगल दी है, जिसके बाद एसआईटी ने यह कदम उठाया है। कंपनी के कर्मचारियों ने बताया है कि उनका मालिक बंसल दबाव डालकर फर्जी सप्लाई ऑर्डर तैयार करवाता था।
ऐसे ही कुछ ऑर्डर राजस्थान भेजे थे। अब मामले की परतें खुलने के बाद राजस्थान के सीकर के दवा विक्रेता डब्ल्यूबी मेडिकोज के मालिक की नए सिरे से तलाश की जा रही है। लंबे समय से वह फरार चल रहा है। जांच में सहयोग न करने के कारण उसे भी आरोपी बनाया जाना है। राज्य नारकोटिक्स क्राइम कंट्रोल यूनिट का एक दल डीएसपी दिनेश शर्मा की अगुवाई में पिछले दिनों सीकर गया था। दवा विक्रेता को दल के आने की पहले ही भनक लग गई थी और वह गच्चा देकर फरार हो गया था। उसे पूछताछ के लिए शिमला बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं आया। उसे दो बार नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं।
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